प्रेम यानी कलाई में घड़ी नहीं admin 10/05/2012 सुधीर सक्सेना No Comments जिस तरह गोदना गुदाने का कोई वक़्त नहीं होता, जिस तरह कोई वक़्त नहीं होता बादलों के झरने का, जिस तरह कभी भी आ सकती है झपकी और कोई … [Continue Reading...]