Category: पूनम श्रीवास्तव
जिस तरह – सागर की गोद में मोती मिलते है तो, हमारी गोद में प्यार. गुलाब के फूल में कांटे मिलते है तो, हमारी रिश्तों में दरार , पेड़ …
बचपन तो होता है निराला निश्छल, निर्मल,मस्ती वाला दुनिया से उसको क्या मतलब वो तो खुद ही भोला- भाला । मां की गोदी में लोरी सुन कर वह तो …
हर तरफ़ लगी है ये कैसी आग जाने इस आग में क्या है बात. जो चारों तरफ़ अपना मुंह लपलपा रही है हर गली हर नुक्कड़ और हर चौराहे …
माँ तेरी कोख से जनम लिया इससे बड़ा कोई वरदान नहीं तेरे दिल से निकले आशीर्वचन मुझसे बड़ा धनवान नही …
मां सिर्फ़ शब्द नहीं पूरी दुनिया पूरा संसार है मां अंतरिक्ष के इस पार से उस पार तक का अंतहीन विस्तार है मां। मां सिर्फ़ शब्द नहीं——————–। शिशु की …
आज हम छूने चले हैं आसमां को पर सहारा तो जमीं का चाहिये। लाख मोड़ लें रुख चाहे जिधर भी पर अन्त में किनारा तो नदी को चाहिये। चाहे …
खूने जिगर से लिख रहा हूं आखिरी सलाम इल्तजा बस जरा सी कबूल इसको कर लेना। इन्तजार करते करते हो गई इंतहा इंतजार की दिले खयाल तब आया …
बचपन तो होता है निराला निश्छल, निर्मल,मस्ती वाला दुनिया से उसको क्या मतलब वो तो खुद ही भोला- भाला । मां की गोदी में लोरी सुन कर वह तो …
एक लोरी लाडली ओ लाडली सो जा मेरी लाडली देर न कर निंदिया रानी सोने चली मेरी लाडली। लाडली…………………। मां पापा की लाडली बहना की तू सखी भली भइया …
मन तुम तो पाखी बन कर उड़ जाते हो दूर गगन तक पल भर में ही हो आते हो सात समुन्दर पार तक। पल में यहां और पल …