Category: तुलसी रमण
मैने राजा गेपंग से मांगी- पहनने के लिए भेड़ और खाने के लिए भेड़ स्वाद के लिए जौ के सत्तू और मस्ती के लिए छंग का गिलास उसने कहा- …
आओ चले उस गाँव जहाँ झड़ते अनायास पके फल – डाल-डाल छाँव- छाँव चलो जीयें उस पेड़ की छाँव जिसका वह एक फल ‘झाँणों- मनसा’ ने चखा था आधा-आधा …
खा रहा रोटी गा रहा जाड़े की लम्बी रातों बाबा से सुना गीत कर रहा शौच पत्थरों से खेलता मिट्टी पर खींचता रेखाचित्र अब वह जाने लगा स्कूल देख …
खा रहा है रोटी गा रहा है जाड़े की लम्बी रातों बाबा से सुना गीत कर रहा है शौच पत्थरों से खेलता मिट्टी पर खिंचता रेखाचित्र अब वह जाने …