नदियाँ सवि 25/04/2014 सावित्री नौटियाल काला No Comments नदियाँ तो हैं हमारी देश की आन बान और शान | इनकी चंचलता को रोक मत करो इन्हें नाकाम | ये तो प्रकृति की हैं अनुपम ईश्वरीय देन | … [Continue Reading...]
होली सवि 14/03/2014 अज्ञात कवि, सावित्री नौटियाल काला 1 Comment इश्क़ की आँख मिचौली भी देखी | उनकी कई बनी होली में हमजोली भी देखी | उनके संग हमने भी खेली थी होली | पर हमारी तो रही खाली … [Continue Reading...]