Category: रजनी मोरवाल
सपनों ने पाँखें खोली आशाएँ लरजी हैं कहते हैं अच्छे दिन फिर से आने वाले हैं | नई दिशा का एक सवेरा आज उदय होगा, नई चुनौती से जग …
रोटी से मँहगा प्याज़ रोटी से मँहगा अब बिकता है प्याज़, परत परत छिलके-सी उतर रही लाज । रामधनी खीज रही चूल्हे के सँग, दिन भर की भूखी है …
निंदिया के पाँव निंदिया के पाँव चले सपनों की ओर नयनों से झाँक रही काजल की कोर | यादों ने करवट ली खोल दिए नैन, योवन ने छीन लिया …
धूप की बेवफाई के किस्से उनींदी है धूप आज लगता है एक उम्र से सोई ही नहीं पलकें इसकी, सूरज के आगोश की गर्मी से तृप्त करवट बदलकर कभी-कभी …
दामिनी दामिनी वेदना या कहो पीड़िता नाम से दर्द की हद बदलती नहीं। गाँव हो या शहर ‘औ’ गली पास की बेटियाँ अब सलामत कहीं भी नहीं, लाख आँचल …
ज़िन्दगी का मोल ज़िन्दगी का है नहीं कुछ मोल हो सके तो प्रेम इसमें घोल | मौसमों से माँग ले तू रंग कुछ न्यारे, आसमाँ की चाँदनी से सुरमयी …
आँधियाँ चलने लगी है फिर हमारे गाँव | झर रहे खामोश पत्ते उम्र से ज्यों छिन, ज़िंदगी के चार में से रह गए दो दिन | खेत की किन …
कोरे काग़ज पर लिख डाला मैंने नाम तुम्हारा, मौसम बनकर डोल रहा है पीड़ा का हरकारा | बदली उड़ती फिरे बावरी बूँदों को लहराके सावन में तरसाई अँखियाँ पथ …