Category: निष्ठा जटवानी
रासते है कच्हे, मनझिल है दूर नाउ भी है रास्ता, आसमान है भरपूर राह मे चलते चलते गिर ना जाना वरना कहोगे खुदसे, अभी मनझिल है काफी दूर मनझिल …
किस्म्त का कीमती फूलो से है मेल सागर का, सागर की लहेरो से है मेल इन्सान की गुजारिश क्या है, ये पुचो उनसे ये तो सब है कुदरत का …
कभी कभी खुद से बातें करने को जी करता है, कभी – कभी ख़्वाबों मुझे हाय रहने को जी करता है जिंदगी हर लम्हा बदलती है बजी रंगों में …
पंछियों की तरह उड़ना सीखो नीले गगन को चूमना सीखो मत देखो हमें संसार को कदम बढाकर चलना सीखो दुनिया का दस्तूर है, बातें करटी रहती है तू मत …
सूत्र जीवो की हो तुम देवी नदी का साहिल हो, या फिर तालाब का हो पानी जहां तुम खुशियाँ बिखेर देती हो वह जन्नत बनाती है सारी चाहे तुम्हे …
IS DIL MEIN JO DARD CHIPA HUA HAI, WO KOI NHI JANTA TUMHARE SIVA YE DHADKAN JISKE LIYE DHADAKTI HAI WO KOI NHI HAI TUM SBKE SIVA INTZAR MEIN …
jANE KYU APNA DOST AAJ APNA DILDAR LAGA JANE KYU USKA EHSAS AAJ EK PYAR LAGA RAKHNA CHAHTI THI DOSTI KA PAVITRA RISHTA JANE KYU AAJ USKI DOSTI MEIN …