Category: नीलोत्पल
एक दिन मिटा दिया जाएगा इतिहास के पन्नों से हमारा नाम एक दिन ढहा दिए जाएँगे हमारे ईमानों के घर एक दिन सच रह जाएगा विस्मृत पुण्यतिथि की तरह …
रिश्ते सीढ़ियों की तरह हैं कोई चढ़ता है, कोई उतरता है लेकिन लाजवाब बात है दोनों ही सूरतों में आदमी ख़ूब जीता है क्यों सीढ़ियाँ लक्ष्य तय नहीं करतीं …
दिन भर हम युद्ध करते हैं अपने जीने के साथ दिन भर हम भागते हैं ख़ुद से बचने के लिए दिन भर हम उलाँघते हैं अपने समय की अंतहीन …
बहुत सारे सच और बहुत सारे झूठ सुनने के बाद इतना तय हुआ दुनिया दोनों के साथ चलेगी जिसे आपत्ति है वह दर्ज़ करवाए मेरा अपना कुछ नहीं था …