Category: मीना भारद्वाज
एक वादा था तुमसेजो खेल खेल में कर दिया जमीं पे तारे और पूनम के चाँद का ।काम जरा मुश्किल सा थामगर बात जिद्द की भी थी ।गुलमोहर के …
जब भी सूरज चन्द दिनों की खतिरबादलों की रजाई ओढ़ जबएकान्तवास में चला जाता है तोप्रकृति गमगीन सी हो जाती हैतब एक हूक सी उठती है सीने मेऔर रगों …
(1)मखमली आवरण के स्पर्श का अहसाससदा मुलायमियत भरा नही होता ।कभी कभी उसमें भी फांस की सी चुभन होती है ।। (2)रोज रोज यूं जाया ना करोखालीपन अच्छा नही …
(1)सारी दोपहर यूं ही खर्च कर दीकुछ लिखकर काटते हुए ।सोचों में डूबा मन बिलकुल खाली था । (2)गाँव दिन भर चादर तान के सोया थासांझ ढले घरों में …
फिजाओं में शोर बहुत हैमौन की चादर अपने वजूद से लपेट मन किसी कोने में गहरी नीन्द में सो रहा है कस कर शरीर की खूटियों सेबाँधा है ऐसे …
कारे बदरारिमझिम बरसैमन हरषैनाचे मयूरकोयल की कुहूकमनभावनमुदित जीयाहरी-भरी धराअम्बर खिलाधानी चूनरलहर लहराएगौरी मुस्काएश्रावणी तीजशिव-गौरी पूजनभक्ति की शक्तिस्नेह की डोरपावन अवसररक्षाबन्धनxxxxx”मीना भारद्वाज” Оформить и получить экспресс займ на карту без …
तुम्हारी मौजूदगी मेरे लिए बड़े मायने रखती है जब तुम साथ होते हो तो मेरे संग घर कीखामोश दीवारें भी बोल उठती हैं ।चंचलता की हदें तो तब टूटती …
उजली भोरखगों का कलरवउनींदी आँखेंग्रीष्म महिनातपती दोपहरीसूनी गलियाँगोधूलि वेलाताँबे सा दिनकरदृष्टि ओझलसघन कुँजजुगनू की चमकमृदु बयारमुदित हासपायल की छनकहल्की आहटनीरव रातचाँदनी में झरतेहरसिंगार ××××××”मीना भारद्वाज” Оформить и получить экспресс …
बाँटना तो बहुत कुछ था तुमसेएक अँजुरी खुशियाँ और जिन्दगी भर का नमक ।और बाँटना तो बचपन का वह हिस्सा भी था जो भागते-दौड़ते ना जाने कब का पीछे …
सुबह की भागम-भाग के बादउसका पूरा दिन अकेले घर मेंकभी इधर तो कभी उधरबेमतलब की उठा-पटक में कटता है । ईंट-पत्थरों की ऊँची सी शाख पे अटका उसका घर …
खामोशियों में डूबा मन ।गहराईयों की बात करता है ।। तय नही करता दो कदम की दूरी ।क्षितिज तक जाने की बात करता है ।।जिद्दी है , एक सुने …
मैं तेरी जोगन सुन बनवारीमन मन्दिर में आन विराजोरास रचैया , गोवर्धन धारीडगर-डगर ढूँढू तोहे सांवरेराह निरख नैना भए बावरे हे गोपेश्वर , पीताम्बरधारीदधि माखन की मटकी सारीचन्द्र कमल …
(1)हे !कान्हाब्रज केप्राणाधार नन्द यशोदाराह निहारतसूना यमुना तटव्यथित राधिका रानीकब आओगे गिरधारीसुनियो अर्ज बांके बिहारी!(2) मैंऔरसवेरासुनहलीरवि किरणेंदिवस आरम्भनई अभिलाषाएँआलोकित तन मनखग दल का कलरवमुदित धरा का कण-कण। “मीना भारद्वाज” …
(1)कल के साथ जीना कोई बुराई नहीआज की नींव कल पर धरी है।आज की सीख कल काम आएगी फिरकल को छोड़ अधर-झूल में कैसे जीया जाए। (2)यादें और पतंग …
फटे-पुराने कपड़े और भावों के मंथन मेंजब गाँठ लगे तब बनती है पोटली।आम आदमी के सपने और मजदूर की रोटीअपने आप में बाँध कर रखती है पोटली।नन्हे बच्चों की …
एक कहानीसुनहली धूप सीमुट्ठी में बन्दमाँ का दुलाररुहानी अहसासकल की बातस्कूल की राहसखियों की टोलियाँमीठी बोलियांभाई-बहनछोटी-छोटी खुशियाँकिस्सेगोइयांकच्चा आँगनतुलसी का बिरवाजलता दीयाहर्ष-उल्लासनूतन परिधानतीज-त्यौहारनीम का पेड़टहनी पर झूलाझूले की पींगकस्तूरी मृगमन …
सुदूर उत्तरी छोर परजब घनी बर्फ जमती है तो मरूभूमि मेंसाइबेरियन सारस आते हैंऔर उसके लिए तुम्हारा ख़त। दुर्लभ हैं वेसाल में एक बार आते हैंबिछड़ अपने कारवां सेकिसी …
तुम्हारी छोटी-छोटी बातेंमुझे अहसास करा देती हैंकि तुम्हें मेरी परवाह है मेरी बातों की शुरुआत से पहले‘एक बात कहूँ’ की मेरी आदतस्मित सी मुस्कान तुम्हारेहोठों पर भर देती हैमेरे …
झिलमिल चाँदनी रात की,भोर की लालिमा बन जाती ।नींद कारवां से भटकी मुसाफिर,बन्द दृग पटलों में भी नही आती ।चँचल हठीली जादूगरनी,कितनी मनुहार कराती ।घर से निकली सांझ के …
बिना बताए,चुपचाप चले आना ।दबे पाँवों आके,यूं ही चौंकाना ।।नासमझी सी बातें,इशारों में समझाना ।किताबों में बेतरतीब से,ख़तों को छुपाना ।।उजली चाँदनी रातें,तारों संग बिताना।बेगानों की महफिल में, बेवजह …
मानता ही नही मन,बस पीछे की ओर दौड़ता है ।पहली बारिश में गिरी पानी की बूंदें,बूंदों की नमी चेहरे पे खोजता है ।धरती पे बिछी ओलों की चादर,गीली हथेली …
(1)सीधी सरल बातेंशब्दों की जुगलबंदी में ढल करकभी गीत तो कभी कविता बन करमन को बहला जाती हैं ।यही बातें जब सतसइयां के दोहरे बन करतीर का काम करती …
प्रिय लखनफरकै वाम अंगजी में संशय ।हे ! मृग छौनेमेरी मृगनैयनीथी यहीं-कहीं ।भ्रमर पुंजलता-प्रसून कुंजदेखी वैदेही ? रघु नन्दननील नैन निर्झरव्याकुल मन ।हे पर्णकुटीमौन सी पंचवटीकहाँ जानकी ?रोए राघवदुखी …
राधिका संगझूठी रार मचाईकृष्ण कन्हाई।नील गगनतारों की छाँह तलेनैना भटके।चाँदनी रात शबनमी बयारमौन खटके।कुछ बोलो नाअपनेपन संगमन की बातें।कदम्ब तलेजमुना तट परनेह बरसे।———‘मीना भारद्वाज’ Оформить и получить экспресс займ …
उदास शब्दों के जादूगर !तुम से मैंने बहुत कुछ सीखा है ।ख्यालों की खूबसूरती औरजमीन की हकीकत ।जीवन की हकीकत , किताबों में नही ,दुनियां की रवायतों में होती …