Category: कविता गौड़
सोच टूटे दरख़्त टूटे घर टूटे रिश्ते बड़े होटल बड़े काम्पलेकस बड़े देश बड़ी लालसा बड़ी रिश्वत बड़ी शत्रुता बड़ा काण्ड बडा स्वार्थ बड़ा आतंकवाद छोटी सोच छोटा दाम …
सच होता ही है कड़वा सच सच छुपता ही नहीं छुपाने से ।। सच बोलता है जो हमेशा जाता है वह इस ज़माने से ।। सच को पकड़ कर …
शाम होते ही याद आने लगी उनकी वे होते तो शाम रंगीन होती वैसे तो रोज शाम होती है पर कहाँ वो रंगीन होती है मन जब ख़ुश होता …
माँ की जान कहाँ होती है ? बच्चों में । माँ की आन कहाँ होती है ? बच्चों से । माँ का मान कहाँ होता है ? बच्चों में । माँ की …
बचपन की तलाश है कहीं खो गया है बचपन गलियों में रो रहा है बचपन होटलों में ढाबों में धो रहा है बरतन काँच की चूड़ियों में पिरो रहा …
गुलाब बनने को तैयार हैं सब बरगद कौन बनना चाहता है गुंबद बनने को तैयार हैं सब नींव की ईंट कौन बनना चाहता है वाह-वाही पाना चाहते हैं सब …
मनुष्य कभी वृक्ष नहीं बन सकता क्योंकि उसमें वो त्याग और परोपकार का भाव नहीं होता मनुष्य कभी वृक्ष नहीं बन सकता क्योंकि उसमें दूसरों द्वारा पहुँचाए कष्ट सहने …
आया बसंत, आया बसंत रस माधुरी लाया बसंत आमों में बौर लाया बसंत कोयल का गान लाया बसंत आया बसंत आया बसंत टेसू के फूल लाया बसंत मन में …
आया बसंत, आया बसंत रस माधुरी लाया बसंत आमों में बौर लाया बसंत कोयल का गान लाया बसंत आया बसंत आया बसंत टेसू के फूल लाया बसंत मन में …