Category: इंशा अल्लाह खां
मैंने जो कहा- हूँ मैं तेरा आशिक़े शैदा-ऐ- कानेमलाहत । फ़रमाने लगे हँसके “सुनो और तमाशा- यह शक्ल, यह सूरत” ? आए जो मेरे घर में वह सब राहे करम से- …
1. सज गर्म, जबीं गर्म, निगह गर्म, अदा गर्म । वोह सरसे है ता नाख़ुने पा, नामे ख़ुदा गर्म ।। 2. परतौसे चाँदनी के है सहने बाग ठंडा । …
यह जो महंत बैठे हैं राधा के कुण्ड पर अवतार बन कर गिरते हैं परियों के झुण्ड पर शिव के गले से पार्वती जी लिपट गयीं क्या ही बहार …
छेड़ने का तो मज़ा तब है कहो और सुनो बात में तुम तो ख़फ़ा हो गये, लो और सुनो तुम कहोगे जिसे कुछ, क्यूँ न कहेगा तुम को छोड़ …
अच्छा जो खफा हम से हो तुम ऐ सनम अच्छा लो हम भी न बोलेंगे खुदा की क़सम अच्छा मशगूल क्या चाहिए इस दिल को किसी तौर ले लेंगे …
ज़ो’फ आता है दिल को थाम तो लो बोलियो मत मगर सलाम तो लो कौन कहता है बोलो, मत बोलो हाथ से मेरे एक जाम तो लो इन्हीं बातों …
झूठा निकला क़रार तेरा अब किसको है ऐतबार तेरा दिल में सौ लाख चुटकियाँ लीं देखा बस हम ने प्यार तेरा दम नाक में आ रहा था अपने था …
कमर बांधे हुए चलने को याँ सब यार बैठे हैं । बहोत आगे गए, बाक़ी जो हैं तैयार बैठे हैं ।। न छेड़ ए निक़हत-ए-बाद-ए-बहारी, राह लग अपनी । …