Category: इन्द्र देव चवरे
1 दही मथे माखन मिले, केशर संग मिलाय | होठों पर लेपित करें, रंग गुलाबी आय || 2 पीता थोड़ी छँछ जो, भोजन करके रोज | नही जरूरत वैद्य …
1 बूंदें कुछ तुलसी के रस की, किंचित नमक मिलाय | तब डालें स्वर-चलित नाक में , बेहोश होश में आय || 2 मधु-मक्खी गर काट ले, दंश गड़ी …
अरहर दाल जलाय के, दधि में देय मिलाय | पकी खाज पर लेपिये देवे रोग मिटाय || गुड़ तोला प्राचीन ले, चूना माशा चार | दोउ मिलाकर खाइए, देवे …
दिन में तो चंदा चलै ,चलै रात में सूर | तो यह निश्चय जानिये, प्राण गमन बहु दूर|| बायीं करवट सोइये, जल बायें स्वर पीव | दायें स्वर भोजन …
स्वास्थ्य रक्षक कविता…………4 (संग्रह) इमली पत्ती पीसकर, लीजै नमक मिलाय | मट्ठा के सग पीजिये, पेचिस देय मिटाय || नीम की पत्ती तोड़कर, मधुरस संग पिसाय | फोड़ा …
रोगों से बचाव……3 (संग्रह) जो चाहो सौ वर्ष रहें,अमर दाँत बत्तीस | लघुशंका और शौच में,राखो दंती पीस || सोंठ शकर काली मिरच, काला नमक मिलाय | नीबू में …
हम हैं भारत वासी – रचनाकार – इन्द्र देव चवरे इस धरती को जिसने स्वर्ग बनाया, हम हैं भारत वासी | जब तक नहीं …
ऐ निराकार ऐ निराकार तू ये तो बता, है तेरा आवास कहाँ | विदित करा सारे जग को, है पाप कहाँ और नाश कहाँ || जिस …
रचनाकार-इन्द्र देव चवरे अच्छा खासा घर-बार है, जिसमें नौकर भरमार हैं | कॉलेज़ जाने को कार है, और किताबों का अम्बार है | फ़िर भी लाडला हमारा, …
हास्य कविताएं ( कुण्डलियाँ ) 1 निरमल कुमार गंदे भए, और चतुरसींग संठियाय | अजि नैनदास अंधे भये, और शांतिलाल खिसियाय | और शांतिलाल खिसियाय, भए चमन लाल वीरान …
1 फटी एड़ियाँ ठीक करे और फटने से बचाए | हल्दी और मलाई का जो नित लेप लगाए || 2 जो कफ़ प्रकोप हो जाए ,रह-रह के ठुसकी आए …
1* जो करते नहीं परहेज़, तो दवा क्यूं खाते हैं | . , चंगा भी होते नहीं, और ज़ेब कटवाते हैं | जो करते नहीं परहेज़, तो दवा क्यूं …