Category: गंगादास
सोवेगा जो कोई कदी, जदी पड़ेंगे चोर । जागो तो खतरा नहीं, इस सारे में और ।। इस सारे में और रोज दिन में आती हैं । दो ठगनी …
सोई जानो जगत में, उत्तम जीव सुभाग । मधुर वचन निरमानता, सम दम तप बैराग ।। सम दम तप बैराग दया हिरदे में धारैं। मुख से बोलें सत्त सदा, …
शेरों में घर स्यार ने, छाया क्या है फेर । पराक्रम बिन नाम से, हो नहीं सकता शेर ।। हो नहीं सकता शेर, कभी शेरों में बसकर । सिंह …
विष में अमृत होत है, भगवत वर परसाद । दुश्मन मित्तरवत सबी, तपवत् सब परमाद ।। तपवत् सब परमाद दया भगवत की जिनपै । सागर गो-पद-तुल्य राम राजी जिन …
ले ले मंदा बिक रहा, सौदा अति अनमोल । भर लेजा मन मान तू, बिना तुलाई तोल ।। बिना तुलाई तोल लगे ना कौड़ी खरचा । नफ़ा सौ गुना …
लक्षण येई नीच के, तजै वेद मरजाद । कटुक वचन, मद, इर्षा, क्रोध, काम, परमाद ।। क्रोध काम परमाद बैर बिन कारण लावै । दगाबाज अन्याई पीठ पर चुगली …
मोहताजों की ख़बर ले, तेरी लें भगवान ।। जस परगट दो लोक में, होगा निश्चय जान ।। होगा निश्चय जान, मान वेदों का कहना । जो ठावे उपकार उदय …
मैली चादर मैल से, कदी चढ़े ना रंग । इसे अन्तकरण में, जब तक मैल कुसंग ।। जब तक मैल कुसंग शुद्ध कैसे हो जाता । निष्फल है उपदेस …
मेरे तेरे में तुही, ये दो तुमसे दूर । तू मुझमें ना पवता, मैं तुझमें भरपूर ।। मैं तुझमें भरपूर भूलकर दूर बतावै । तू कहता परछिन्न वेद भरपूर …
मासा ना तिल भर कदी घटै बधै तक़दीर । देव नाम है कर्म का जिसने रचा शरीर ।। जिसने रचा शरीर उही पालन करता है । हाजिर है दिन …
माला फेरो स्वास की, जपो अजप्पा जाप । सोहं सोहं सुने से, कटते हैं सब पाप ।। कटते हैं सब पाप जोग-सरमें कर मंजन । छः चक्कर ले शोध …
मारो ठोकर दया कर, नाव मेरी हो पार । और कोई सुनता नहीं, कब का रहा पुकार ।। कब का रहा पुकार नाव चक्कर ले रही है । बार-बार …
माया मेरे हरी की, हरें हरी भगवान । भगत जगत में जो फँसे, करें बरी भगवान ।। करें बरी भगवान, भाग से भगवत अपने । इसे दीनदयाल हरी-हर चाहिये …
मानो मेरी आज ये, बात मानने योग । साऊ ना दुश्मन कोई, सब कर्मों के भोग ।। सब करमों के भोग भोग देके जाता है । बिन भुगते ना …
मान बड़ाई, ईर्षा, आशा, तृष्णा, चार । ये चारों जब तक रहें, जप-तप सब रुजगार ।। जप-तप सब रुजगार नफा पावै हो टोटा । भरम चक्र में पड़ा रहे …
महाघोर आया कली, पड़ी पाप की धूम । पंथ वेद के छिप गए, ना होते मालूम ।। ना होते मालूम पाप ने दाबी परजा । फिर सुख कैसे होय …
बोलो जो कुछ धरा हो कहीं आपका माल । मुझे बतादो सहज में आय गया अब काल ।। आय गया अब काल माल घर के बूझैं हैं । जो …
बोए पेड़ बबूल के, खाना चाहे दाख । ये गुन मत परकट करे, मनके मन में राख ।। मनके मन में राख, मनोरथ झूठे तेरे । ये आगम के …
बाजी तेरी फ़िर पड़ी, होगी तेरी जीत । ये फँसे हैं भोग से, पड़े करो परतीत ।। पड़े करो परतीत दाव पड़ गए पौबारे । चीढे हैं जुग चार …
बाजी खर होते नहीं, चाहे खाय कपूर । यम नजाद बदलें नहीं, है ये बात जरूर ।। है ये बात जरूर, तुखम तासीर सही है । समझदार ने बात …
बंधन तो कट जायेंगे, जो लायकवर होय । नालायक के सौ गुरु, भरम सकैं ना खोय ।। भरम सकैं ना खोय गुरु पूरे भी होवैं । बेल कहाँ से …
फँस रही है बेदाव में, दाव बिना लाचार । पाँचों पँजों में पड़ी, आठों आठों सार ।। आठों आठों सार दाव देता ना फाँसा । बाजी बीती जय फुसे …
पावैं शोभा लोक में , जो जन विद्यामान । जिन विद्या बल हैं नहीं, सो नर भूत मसान ।। सो नर भूत मसान पशु पागल परवारी । बिन विद्या …
पापी के कोई भूलकर, मत ना बसो पडौस । नीच जनों के संग में, निर्दोषी गहें दोस ।। निर्दोषी गहें दोस, दोस देते दुःख भारी । बिगड़ जाय दो …