Category: दीपिका शर्मा
वो पत्थर तोड़ने वालेवो जो चल रहे हैं निरन्तर , पांवो में लिए छाले ,वो मेरे देश के कामगार , वो पत्थर तोड़ने वाले .इन्होने ही रचे थे ये …
इस बसंत ….इस बसंत न करना कोई फूलों की बातचमन को कोई सुलगा गया है .न गाएंगे भँवरे , न झूमेंगी कलियाँफागुन पर सितम कोई बरसा गया है.जलते हुए …
गुलमोहर गुलमोहर तुम्हारे सुर्ख ,सुनहरे , सुंदर, सजीले ,अशर्फी से फूल !! इन्हे देख भीषण गर्मी में , राह की थकन , गए राही भूल ! छतनार से पत्ते …
जागो री माँ , जागो री !! देवासुर संग्राम छिड़ रहा , पांचजन्य उद्घोष कर रहा , महिषासुर का मर्दन करने , आओ माँ ,करके सिंह सवारी ! जागो …
फिर हुलस के बसंत आया !! डाली डाली फूल खिल रहे , पत्ता पत्ता नया हो गया , सूखी दूब भी हरी हो रही , देख देख कर मन …
दिन होली के आ गए ! भोर बासंती उजास भर रही , साँझ के राग फागुनी भये, गेंदा खिले, गुलाब खिल रहे , डहेलिया ध्वजा फहरा गए , मनभावन …
जिस क्षण मासूम भोर , चिड़ियों की चहचहाहट से हठात , खोल देती है अपनी अलसाई आँखें , और आँगन के कोने में , तुलसी के बिरवे के पास, …
कहते हैं आजकल फागों का मौसम है ! सरसों के फूलों का , बागों का मौसम है , खेतों , खलिहानों में , जागों का मौसम है , कहते …
कण कण में नव चेतना है , कली कली मुस्काई है , ये किस प्रिय के आगमन से , वसुंधरा इतराई है ! बयार फागुनी हो चली , अमराई …
लो फिर इक बार धरती घूम आई ! अपनी धुरी पर नाचती लट्टू सी , सूर्य के चहुँ ओर दौड़ती टट्टू सी , पल भर को भी न किया …
लौ दिए की जगमगाती रहे , उम्मीदों के स्वप्न सजाती रहे . ये जो धवल , श्वेत है ,रुई की बाती, कहीं सुदूर किसी किसान की पाती , काश …
इक चिठ्ठी ,प्यारे लखनऊ के नाम ! मेरे प्यारे शहर, तुझे प्यार भरा सलाम !! प्यार तेरी गलियों ,सड़कों को , प्यार तेरे पार्कों ,बगीचों को , आँखों में …
सुनो गौरैया गौरैया क्या अब नहीं आओगी ! सोनचिरैया क्या शहर छोड़ जाओगी !! भोर करती तुम्हारा इंतजार , पत्ते पत्ते को है तुमसे प्यार , बालसूर्य की तुमसे …
बरखा रानी जिया भरमाए , रिमझिम ,रुमझुम की तान पर , मन मयूरा थिरका जाये , बरखा रानी जिया भरमाये . सांवली,सलोनी ,मोहनी ,मतवाली , काली बदरिया सी जुल्फें …
चाक समय का चलता रहा ! उम्मीदों के बो दिए बीज , निराई हुई ,गुड़ाई हुई , समय पर खाद जरूरी था , नन्हा बिरवा उगने लगा ! चाक …
कोकिला सुनाओ मधुर सा गान , छेड़ो कोई राग , कोई मीठी सी तान , भोर सुहानी संगीत से भर रही , बसंती बयार लू बन रही , आम …