तेरी मंज़िल के पार! yashodadigvijay4 28/07/2012 यशवन्त माथुर No Comments चाहे -अनचाहे इस दुनिया मे आने के बाद अब धधक रहा है ज्वालामुखी ‘उनकी’ अपेक्षाओं का अरमानों का और मेरे अनगिने सपनों का वक़्त की बुलेट ट्रेन पर शुरू … [Continue Reading...]
जिंदगी ये भी है yashodadigvijay4 28/07/2012 यशवन्त माथुर No Comments जिंदगी ये भी है कि, सीख कर ककहरा लिख दूँ इबारत, एक मुकम्मल तस्वीर की जिंदगी ये भी है कि, खाक छान कर गलियों की जला कर शाम को … [Continue Reading...]