हमें ग़म में ना जीने दो , हमें कम भी ना जीने दो । थोड़ा तो पास का अहसास , हमें भी तो करने दो ॥ तक़ल्लुफ़ कर जरा …
हे कृषक ! तुम वीर ,धीर , पर गरीब हो । तेरी मजबूरियों ,भावनाओं को , जानता ,पहचानता हूँ ॥ अजब सी कर्म शक्ति , मन में अदम्य साहस …
हो दया की सागर , हो सुंदरता की आगार\ नारी की महिमा अपरम्पार है जानता पूरा संसार सृष्टि की हो तुम आधार नदियों जैसा अनवरत बहना , अपने गंतव्य …