नारी या एक देह vishaldhamora 16/06/2014 विशाल सर्राफ धमोरा No Comments पेड़ पे लटकी थी रस्सी के एक टुकड़े के सहारे वो एक बेजान देह हंसती थी खिलखिलाती थी चंद घंटो पहले तक जो अब है वो एक बेजान देह … [Continue Reading...]
हार और जीत vishaldhamora 28/02/2014 विशाल सर्राफ धमोरा No Comments इस एक हार से खुद को इस कदर न निराश करो , जीत मिल जायेगी देर सबेर एक और प्रयास करो | एक हार से जिंदगी नही रुक … [Continue Reading...]