Category: वैभव नेगी
कोई लौटा दे मेरे बचपन को जब बिन बात के मैं रोया करता माँ मुझे झट से उठा लेती अश्रु एक न बहता आँख से , पर घर सर …
तूने इतना दिया है ईश्वर लौटा भी न पाऊँ में मरकर !! शायद मुझे जवाब मिल गया है सोच कर मेरे चेहरा खिल गया है !! बहुत सोचने पर …
तूने इतना दिया है ईश्वर लौटा भी न पाऊँ में मरकर !! में मुझमें बहुत सी कमियां देखता हूँ , हर बदलते मौसम की नर्मियाँ -गर्मियां देखता हूँ !! …
॥ धन्यवाद है ईश्वर ॥ तूने इतना दिया है ईश्वर लौटा भी न पाऊ मैं मर कर ॥ नादाँ सा बच्चा था मैं जब नहीं मालूम था ईश्वर कौन …