Category: त्रिपुराना श्रीनिवास राव
धन आ रही है, जा रही है, अधिक आ रही है, सेठ साहूकार है, आ रही है, जा रही, केवल जा रही है, श्रमिक कर्मचारी है, और धन आ …
जितना छुपाती है, उससे ज्यादा बोल देती है। उसकी आखें है ही ऐसी, सारे राज खोल देती है।। मै चीख चीख कर कहता हूं, किसी की समझ मे नहीं …
निजीकरण हर क्षे्त्र में सरकारी गैर सरकारी उपक्रम में निजीकरण की आवश्यकता, उपयोगिता एवं अनिवार्यता में एक मील का पत्थर लगा दिया जाये. इन सबके बजाये केवल संसद …
कफन आजकल के योग्य, साहसी और बेहद समझदार युवा, युवितयां खासकर, जनसंख्या नियंत्रण् में अपना अहम अमिट छाप छोडे जा रहे हैं. इस नेक कार्य हेतु सर …
अंतर निजी और सरकारी अस्पतात मे मुझे तो केवल यही अंतर नजर आता है. एक मे डाकटर के व्यापार से दूसरे मे व्यवहार से मरीज ऊपर नजर आता है.
नव वर्ष की शुभ घड़ी शुभ बेला पर, प्रण ये अपने प्राण से कर जाये ! किसी दामिनी के दामन को अब, कोई दर्द का दाग न दे …
पश्चिमीकरण पश्चिमीकरण से कुछ हो रहा हो या न हो, पर, पूरब की माताऐं ममी और पिता डेड अवश्य हो रहे है। **** ऱाजनीति राजनीति में हर उस शख्स …
जिसे तू भगवान कहता है, वो रहमान कहता है। तू जिसपर जान देता है, उसीपे वो भी मरता है।। पंडित को गिला कोई न मुल्ला को शिकायत …
मोक्ष छोटे मोटे पाप, भ्रष्टाचार, घोटाले, चोरी चकारी पर, गंगा में डुबकी लगा आइये, जीवन स्वच्छ हो जायेगा।। कुक़त्य यदि विभत्स घ़णित, कुत्सित, अक्षम्य, अमानवीय हो, तो क़पया जीवन …
यौवन की दहलीज यौवन की दहलीज पे, यूं चहकने लगे। चांदनी रात में रातरानी, महकने लगे।। नजरों ने किया, नजरों का सामना। लाजवंती से खुद, में सिमटने लगे।। सावन …
दीवाली टी वी पर न्यूरज देख पत्नी, घबराई, बाहर आई, मुझे पकडी, अंदर ले गई, और बंद कर दी। कारण पूछा तो –बोली, देखते नहीं दीवाली पर लोग क्याद …
हेमू अब मां बैठी रहती, हेमू कर लेता है अपना काम, मसलन- जगाने से पहले जागना, तह करना अपना बिस्तर, पढ्ना लिखना, ब्रश करना, अब पेस्ट न खाना, छपाक …
मत करों परेशान उन्हे बेवजह मत करों परेशान, उन्हे बेवजह । यूं ही परेशान है, वो बेवजह।। दरअसल वो है ही नहीं, जो है। दिखता जरूर है, …
राजनीति चरि्त्र की होती निरंतर अधोगति, मतलब, राजनीति की होती, उर्ध्वगति।। ****** दफ्तर यूं तो वे दफ्तर कम ही जाते हैं। पर जब भी जातें है, या तो लेट जाते …
बेटे की थी ख्वाहिश, बेटी ने धन्य बना दिया। ये घर जो था मकान, उसको महल बना दिया।। जब भी रहा उदास, दुखी दुखी बुझा हुआ। नन्हे हाथों ने …
पश्चिमीकरण पश्चिमीकरण से कुछ् हो रहा हो या न हो रहा हो, पर पूरब की माताएं ‘ममी’ और पिता ”डेड”अवश्य हो रहे है। **** स्वागत राजनीति में हर उस …
समस्या ज्यों ही मैने कहा, मेरे सामने एक समस्या खडी हो गई है। झट् वे बोले, बधाई हो, शादी कर ली और बताया भी नही।। ——- पर्यायवाची शब्द परीक्षा …
प्लेटफार्म प्लेटफार्म पर पति के ठण्ड एवं पत्नी के प्रचण्ड काण्ड के मध्य एनाउंस हुआ, कपया यात्री गण इधर ध्यान फरमाये, अपने साथ कोई भी ज्वलनशील व विस्फोटक वस्तु …