Category: सुनील कुमार लोहमरोड़ ‘सोनू’
दूरियां मिट जाने दे भर लेने दे बाजुओं में इस दिल को अब बेकरार ना रहने दे। छू लेने दे इन नाजूक होठों को, इन्हें छू लेना, अब एक …
दिल कि सदा खुदा को सुनाई दे, तब कोई बात बनें, हाकिम नहीं, मेरे मर्ज कि तू दवाई दे, तब कोई बात बनें । तू बदनाम तो है पुरे …
काश कोई एक खुशी का लम्हा, मेरी जिन्दगी में लौटकर चला आये। मैं बरसात में रो लूं और, आँख का पानी बरसात में मिल जाये। ये दिल खुशी से …
है एक पागल, जो मुझसे प्यार करती है, खफा है सारी दुनिया से पर मुझ पर ऐतबार करती है | ज़रूरत ही नहीं सरे जहाँ कि मुहोब्बत कि, अकेली …
अनकही बातें ये उलझी हुई तस्वीर है, सुलझाई ना जा सकेगी अब, ये बिगड़ी हुई तकदीर है, बनाई ना जा सकेगी अब। ये किसी की मर्म वेदना है, खुशी …
___________________(१)__________________ उसकी बातों में छल, सीरत में फरेब आ गया है अब, बहुत बुरा देखा था अंजाम, वो करीब आ गया है अब। बर्बाद हैं हम, हमें बर्बादी का …
____________(१)_____________ तुझे पाने की कोशिश में हम कसूरवार बन बैठे, तेरे लिए हम सारे ज़माने के कसूरवार बन बैठे । तेरे प्यार के लिए सारे ज़माने को रुसवा कर …
हमें उसकी मुहोब्बत उसकी वफ़ा रुलाती है, उसे भूलूं तो वो पगली ज्यादा याद आती है। गैरों की पनाहों में देख कर उनको, दिल सिसकता है मेरा, आँख भर …
कहते हैं कुछ लोग, हमें प्यार करना नहीं आता, अच्छे लोगो पर हमें, ऐतबार करना नहीं आता। किसी की दुआएं मरने भी नहीं देती हमें और, कहते हैं लोग, …
—————-इस राजस्थान से———– ……………….ये गर्मी की तेज लू, ……….हर कोई इनसे दुखी, हर प्राणी परेशान, ………….दूर दूर तक फैला रेगिस्तान, …………पेड़-जल का नहीं नमो-निशान, ..फिर भी अच्छा है सबसे, …
लिखने वाले एक फरमान लिख दे, एक ख़ुशी आज मेरे नाम लिख दे । उठा कोई अच्छी सी कलम और, जिंदगी के सारे अरमान लिख दे ।। मंजिल के …
मंजिल खुद बिखेरेगी रोशनी, धुंधली आँखें साफ करके देख लेना। हिम्मत रखना हमेशा अपने साथ, हिम्मत काम बनती है आजमा कर देख लेना । जब कोशिश करते करते थक …
मेरी बेपनाह मुहोब्बत के असर से, तड़पन तुझे भी है, मुहोब्बत ना सही पागल, पर मुझसे, लगन तुझे भी है । तुम खुद को रोक नहीं पाते, मुझसे प्यार …
कभी खुद से हरे हैं, कभी जिंदगी से हारे हैं, कभी जीना चाहा, कभी जी कर हारे हैं । कभी गैरों ने सताया, कभी अपनों ने पत्थर मारे हैं, …
खवाबों की एक पतवार, आई है मेरे द्वार, मेरे अरमां अधूरे, उसको कैसे पनाह दूँ? एक शख्स सोया है दुनिया से बेखबर, अधूरी नींद से भला, उसको कैसे जगा …