Category: शुभम चमोला
वो शख्स जिसे मनाने में जमाने लगे,
उस शख्स को हम तब पहचानने लगे जब नजरें हमसे वो चुराने लगे। आँखें नम तो होने ही लगी न जाने क्यूँ खुद से हम ही जी चुराने लगे। …
फितरत ए इंसान नि कितना कुछ बदल डाला..
फितरत ए इंसान ने कितना कुछ बदल डाला कभी मोहब्बत को आशिकी तो कभी गम को इश्क का नाम बता डाला । यूँ तो अल्फाज़ नहीं कि बयाँ कर …
आज भी कूड़ा बीन रहे हैं वो बदकिस्मत ।
गरीबी की मार बोलूँ या परिवार की आस ना जाने क्यों निकल पड़ते हैं वो उस कड़कड़ाती ठंड मैं कूड़ेदानों के पास । मुख पर वो भोलापन और कंधों …
ना जाने कब वो सवेरा होगा
जिन्दगी क सफर न जाने कितना अब बाकी रह गया, फिर भी ये इंसान स्वार्थ की आँधी मे बहता चला गया । खो दिया वजूद इन्सनियत का और खुद …
यही है जिन्दगी
कुछ सुनहरे ख्वाबों का बसेरा है जिन्दगी कुछ नया करने की चाहत है जिन्दगी किसी को चाहना है ये जिन्दगी प्रकृति के सुरम्य नजारों को देखना है जिन्दगी किसी …
इस गुमनाम भीड़ मे हर शक्स गुमनाम होता चल गया,
इस गुमनाम भीड़ मे हर शक्स गुमनाम होता चल गया, अकेले रह गये तन्हा किसी उम्मीद मे, इस उम्मीद मे वक्त चलता चला गया। मिले कई शक्स कई मोड …
बहुत कुछ देखा है
इस छोटी सा जिन्दगी मे बहुत कुछ बदलते देखा है, खुशी मे रोते हुए लोगों को देखा है दूसरों की खुशी को देख दुखी होते लोगों को देखा है …