Category: शादाब अजिमाबादी
फ़ासला अंधेरों से बनाए रखना , ये चराग़ दिल में जलाए रखना , आसां नहीं है मुश्किल के आगे , मुश्किलों का बोझ उठाए रखना !!
जुदा नज़र से मंज़र न होने देना , ज़मीं दिल की बंजर न होने देना , लुटाना मुहब्बतें जितनी भी हो सके , कलम को अपने खंजर न होने …
मंज़र -ऐ- नज़र वो नज़ारे भी आ गए , रात आई तो चाँद सितारे भी आ गए , मंज़िल -ऐ- फ़िक्र कहूँ या दर्द -ऐ- सफ़र , कश्ती डूब …
दानिश्वर नहीं तो नादान समझ ले , अदना सही मुझे इंसान समझ ले , लड़ता है जो ज़ुल्म -ओ- सितम से , मुखालफ़त की वो ज़बान समझ ले !!
खुदी पे होगा आखिर इख्तियार कब तलक , अब न हुए तो तुम होगे बेदार कब तलक , बहा दिए खून अपना मगर जवाब न मिला , लटकेगी हमारे …
अजीब है अपना इश्क़ -ऐ- फ़साना , तूफ़ान से बचना चराग़ भी जलाना , आसान नहीं सफ़र मगर मैं चलूँगा , मुश्किल है अब मेरा लौट के जाना !!
शहर में तेरे भी सैलाब मिलेगा , मुखालफ़त का असबाब मिलेगा , जब बोये हैं हर सिम्त कांटे तूने , फिर कहाँ से तुझे गुलाब मिलेगा !!
चलो माना के हमसे सम्भाला नहीं जाता , पर बोझ अपना दुसरे पे डाला नहीं जाता , रहेगी सांस तब तलक रहेगा इंतज़ार तेरा , उम्मीद के चरागों का …
कुर्बत से मेरी कतराने लगा है , जो पास था दूर जाने लगा है , सूरज से कहो अब न निकले , अँधेरा हमें रास आने लगा है , …
हया का रंग हुस्न पे चढ़ता रहा , फासला दरमियाँ और बढ़ता रहा , उनके चेहरे से नज़रें न हट सकीं , रात ढलती रही चाँद जलता रहा !!
दुश्मनों तुम्हें गुमान नहीं है , कमज़ोर अपना ईमान नहीं है , खुदा है साथ खुदा की कसम , हमें मिटाना आसान नहीं है !!
अब भी मुझ पे मरता होगा , याद मुझे वो … करता होगा , जब हाथ दुआ में उठते होंगे , दामन अश्क़ों से भरता होगा !!
दिल तोड़ने की हसरत हो गई , उसको मुझसे मुहब्बत हो गई , एक बार जो उठीं पलकें उसकी , ऐसा लगा के क़यामत हो गई !!
हौसले की बुलंद दिवार भी है , जंग के वास्ते हथियार भी है , हमें पता है मुफीद -ऐ- मसरफ , ये कलम भी है तलवार भी है !!
न हकीक़त बची न फसाना बचा , न हसीना बची न दीवाना बचा , कुछ ऐसी आग लगी महफ़िल में , न शम्मा बची न परवाना बचा !!
दिल की ज़मीं महसूस होगी , आँखों में नमी महसूस होगी , बिछड़ते हुए ये कहा था उसने , तुझे मेरी कमी महसूस होगी !!
एक बार आज़मा के तो देख , कोई खंज़र चुभा के तो देख , कितनो के ज़ेहन पे छाया हूँ , मेरी हस्ती मिटा के तो देख !!
जागती आँखों से ख्वाब देखा , हमने फ़लक पे माहताब देखा , उजाले तो हमने कहीं देखे नहीं , अन्धेरा यहाँ पे बेहिसाब देखा !!
हद से ये गुज़रना चाहते हैं , आईने भी संवरना चाहते हैं , तुम भी रुक जाते शब् भर , मौसम भी ठहरना चाहते हैं !!
ये इब्तेदा ही इन्तेहा तक जाएगी , कहानी न जाने कहाँ तक जाएगी , उम्मीद नहीं हमेशा यकीं था मुझे , अपनी हर दुआ खुदा तक जाएगी , सवाल …
खंजर लेके आओ तलवार लेके आओ , दो चार लेके आओ हज़ार लेके आओ , चीरना है अगर इस फौलाद का सीना , मुझसे मज़बूत कोई दिवार लेके आओ …
इशारों से तुझको बुलाके देखेंगे , कभी खुद को आज़माके देखेंगे , पहुँचती है ये चिंगारी कहाँ तक , कभी दिल अपना जलाके देखेंगे , बिगाड़ेगा कैसे मौज -ए- …
फरेब को हसीं ख्व़ाब समझते रहे , हम काँटों को गुलाब समझते रहे , हम दिल के पन्ने दिखाते रहे , वो चेहरे को किताब समझते रहे , वो …
ज़रा चराग़ तो जल जाने दे , ज़रा शाम तो ढल जाने दे , खुश्बू भी बन कर बिखरूंगा , ज़रा खाक़ में तो मिल जाने दे !!
दिल-ए-उम्मीद को ठिकाना मिल जाए , तुझसे मिलने का जो बहाना मिल जाए , जब माँगा नहीं तो इतना कुछ पाया , अगर मांग लें तो ज़माना मिल जाए …