Category: सौरभ राय ‘भगीरथ’
जनपथ में सजा है दरबार गुज़रता है बच्चा बेचता रंगीन अख़बार “आज की ताज़ा ख़बर – फलानां दुकान में भारी छूट ! आज की ताज़ा ख़बर – (मौका मिले …
इन भूरे जूतों ने तय किए हैं कितने ही सफ़र ! चक्खा है इन्होंने समुद्र का खारापन थिरके हैं ये पहाड़ी लोकगीत पर और फिसले हैं बर्फ की ढलान …
याद हैं वो दिन संदीपन जब हम रात भर जाग कर हल करते थे रेसनिक हेलिडे एच सी वर्मा इरोडोव ? हम ढूंढते थे वो एक सूत्र जिसमे …
मेरे नगर में मर रहे हैं पूर्वज ख़त्म हो रही हैं स्मृतियाँ अदृश्य सम्वाद ! किसी की नहीं याद – हम ग़ुलाम अच्छे थे या आज़ाद ? बहुत …
एक रोज़ चिड़ियाघर में मचा बवाल कुछ जानवरों ने किया हड़ताल, कहा- करो हमें स्वतंत्र निकाल फेंका चिड़ियाघर के सभी अफसरों को संस्थापित किया लोकतंत्र | मतदान हुआ चिड़ियाघर …
चाहता हूँ एक पुरानी डायरी कविता लिखने के लिए एक कोरा काग़ज़ चित्र बनाने के लिए एक शांत कोना पृथ्वी का गुनगुनाने के लिए | चाहता हूँ नीली – …
जहां प्यार करने के लिए दिल होने से ज्यादा गुंडा होना ज़रूरी है | जहां ‘सत्य’ शब्द का इस्तेमाल केवल अर्थी ले जाने पर किया जाता है | जहां …
वो किस राह का भटका पथिक है ? मेगस्थिनिस बन बैठा है चन्द्रगुप्त के दरबार में लिखता चुटकुले दैनिक अखबार में | सिन्कदर नहीं रहा नहीं रहा विश्वविजयी बनने …