अंतर्दवंद S K Murari 18/10/2014 संतोष कुमार 'मुरारी' No Comments अंतर्दवंद आज बहुत बेचैन है, ये मेरा मन बेचारा सोचता है क्या वो पल फिर आयेगा दोबारा ? कल जब एक भिक्षुक हाथ फैलाये मेरे सामने आया मुझे व्यवसायिकता … [Continue Reading...]
कल का भारत भाग्य विधाता S K Murari 04/09/2014 संतोष कुमार 'मुरारी' No Comments कल का भारत भाग्य-विधाता छप-छप करता पानी में नन्हा गोलू स्कूल है जाता, एक हाथ से बस्ता थामे और दूसरे हाथ से छाता। छोटे-छोटे कदम हैं उसके छोटे हैं … [Continue Reading...]