Category: संदीप विजय जगताप
सीने मे दिल, होठो पे नाम वही है। आंखो मे शख्स, सांसो मे इंतजार वही है। अक्सर मजबुर हुवा करती थी वो, मुझसे नजरे फेरने में……. देखलो उनकी आंखो …
हमने पुछा एक दीन उनसे, हम क्या है तुम्हारे लिए…… जो आप हमसे मोहोब्बत ना कर सके…..? क्या मुकाम है हमारा, आप के खामोशी के आगे…. जो आप हम …
इसी मोसम का केहना हे, तु मुझको याद करती हे। मेरे मेहबुब तु मुझसे, दिले फरियाद करती हे। ना मुझको धुंड इस भीड में, मे तुझसे मिल ना पाऊंगा। …
उसे खोने का दर्द, तो तेरे खोने का डर हे मुझे। उसे पाने कि ख्वाईश…., तो तेरे होने की खुशी हे मुझे। उसके छोड जाने का गम…., तो तेरे …
या खुदा ये क्या कर दिया तुने, मिला कर जिंदगी से, हमे मीटा दीया तुने ॥ सांसो को रुका कर, दिल की धड्कन को बढा दिया तुने, या खुदा …
लिखु तो क्या लिखु, अपनी दस्तान अश्कोंसे, मिट जाते हे दर्द-ए-निशा बे-जुबान अश्कों से अपनी आंखे सजाऊ उसकी यादो को छुपाकर तो बेहजाती हे हर याद इन बे-रंग अश्कों …
एक अरसे से इस राह पर नजरे बिछाए बेठा हु , पर अब तक नाहीं कोई यहाँ पे फुल खिला हे , और नहीं मेरे मोहोबत की कली
Sher or shayri, kavita, dard bhare sher, sandeep
एक सदा वो मेरि भी सुने, गुफ्तगु करना ह्मे भी आता हे॥ आये वो कभी मुझसे भी मिलने, मिलना भिछड्ना हमे भी आता हे॥ चल कर जाउ चांद हे …