Category: समीर भारतीय
संक्रांति की भोर हुई, विभ्रांति की है शाम, संक्रान्तिकाल* का स्वागत करे भारत की आवाम, भारत की आवाम, करे कुछ क्रान्ति की बात, लिखे कोई इतिहास नया, करे फिर …
लो आ गया फिर से मौसम जश्ने दोस्ती का, अब दोस्तों की महेफ़िल मे हर शॅक्स को, बन ठन के जाना है, पढ़ने है कसीदे यारों की यारी मे, …
भेड़ो ने भेड़िए चुने भेड़िए भेड़ो को ही चाप गये, चपी भेड़े अपनी औलादो को दे भेड़ियों का ही अभिशाप गये, राष्ट्र भाव से शून्य अभिशप्त, भेड़ों का अब …
भेड़ो ने भेड़िए चुने भेड़िए भेड़ो को ही चाप गये, चपी भेड़े अपनी औलादो को दे भेड़ियों का ही अभिशाप गये, राष्ट्र भाव से शून्य अभिशप्त, भेड़ों का अब …