वानर बैठा है कुर्सी पर, हुई बिल्लियाँ मौन! अशोक कुमार शुक्ला 10/02/2012 रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ No Comments वानर बैठा है कुर्सी पर, हुई बिल्लियाँ मौन! अन्धा है कानून हमारा, न्याय करेगा कौन? लुटी लाज है मिटी शर्म है, अनाचार में लिप्त कर्म है, बन्दीघर में … [Continue Reading...]