Category: ऋषभ शुक्ला
पता नही क्यू मै अलग खङा हूं दुनिया से ! अपने सपनो को ढूढता विमुख हुआ हूं दुनिया से !! पता नही क्यूं मै इस दुनिया से अलग हूं …
अब नारीयो ने भी लीया साहस से काम ! अपनी सन्घर्षता के बल पर कीया विश्व मे नाम !! नारी कभी बनती है जननी कभी माता ! पुत्र बनता …
जब भास्कर आते है खुशियों का दिप जलाते है ! जब भास्कर आते है अन्धकार भगाते है !! जब सारथी अरुण क्रोध से लाल आता ! तब सारा विश्व …