Category: रविपाल उध्दवराव भारशंकर
मै; तुझे वार करता हूँ, तु; मुझे वार कर दे तेरे होने; की निशानी, तु; मुझे मार कर दे मै नहीं; जलता अगर तो, बुझ गयी होती फ़िजा बेदिया; …
मै; तुझे वार करता हूँ, तु; मुझे वार कर दे तेरे होने; की निशानी, तु; मुझे मार कर दे मै नहीं; जलता अगर तो, बुझ गयी होती फ़िजा बेदिया; …
एक ही बार कई कविताएँ; मेरी राह तकती है पर मै अपना अटक जाता हूँ; यहां वहां कमजोर हूँ; ईसलिए जरा रुक जाता हूँ पर हमेशा ऐसा नहीं होगा …
मेरे हाथ में कूंचा हैं वरना मै फ़ाड देता तस्वीर पाणी में डुबो-डुबोकर, और टांग देता हवा में; काफूर होने के लिए; खैर, बिल्ली के सींग निकल आए तो …
इससे पहले की मै मर ही न जाऊँ तुम मुझे प्यार नहीं कर सकते और तुम्हारा प्यार भी; धंधा है तुम्हारा तुम मसिहाओं की तक दुकान लगाते हो जब …
तु कविताएँ लिख़; मेरे मर्तबान पे सौदा हो जाएगा; तेरे दुकान का घड़घड़ाहट भी हो; तो कोई परवा नहीं रंग छाएगा तुझपे; बेज़ुबान का मौत आएगी तेरी; किसी बात …
टूटा टूटा पत्थर, न टूटा कोई पाणी खूंटा खूंटा बदतर, छूटा वो नूरानी लपट लपट जल जाता है, जो होता है अधूरा पूरा पूरा बुझता है, अपूरा वो वीरानी …
तु मुझे छोड दे, मेरे अपने हाल पर मेरी नज़र हर नया, गीत लेकर आती है मौत का जिक्र है, जिंदगी के नाम पर मेरी गज़ल पर नया, संगीत …
तु दोस्तों का दोस्त है, तुझको पता, मेरा दोस्त है तुझे अगर मिला तो, बताना उसे, तुझे याद करता, तेरा दोस्त है दोस्त की बात का, बुरा नहीं लगता …
अगर ये लिबास है बदन, तो धडकने भी आज़ाद नहीं तु साथ है सजन तो, क्यु मुझे अहसास नहीं सच से सच और झुठ से झुठ का, मातम कब …
नहीं लगता के आऊँ अब किना सा तेरे दिल में परेमे हुँ जो आता हुँ जरा सा तुझे मिलने कोई कामल नहीं हुँ मै, सफा सा सोरज का जसम-ए-दल …
तेरा दिल मेरा दिल, जुदा जुदा सीने में तुझे क्या कहुँ अकेले में, मेला सा लगा है जीने में ||धृ|| दूर से देंखो हरीयाली को, गहराई बद काली है …
मन मंदीर है, प्रेम है; पुजा अर्चना जानलो जुस्तजू दिल की आँखो में जान लो प्यार लफ्जो में बता नहीं सकते दिल की बाते अक्सर बता नहीं सकते जो …
तु है तो जहाँ है, तु कहीं भी रहे बेखौफ तेरे दिल में, तेरा मित रहे ||धृ|| बिसरे ना गुल तुझे, तुने राह में बिखरे इक गुल की ये …
गुरू तो शिष्य से भी सीख लेते है और सम्राट, प्रजा से भीख लेते है हवाओं से बाते करना, मजाक नहीं है वरना तोते भी अच्छा चीख लेते है …
रातो की नींदे, चुराता कोई; मेरी भी आँखों में,आता कोई ये प्यार की इम्तहा भी सही; मिलता नहीं पर,बुलाता कोई बेताबीयो का ये फैला धुंआ; मायुसीयो का अंधा कुंआ …
"मेरे अज़िज दोस्त अनिल भ. गुप्ता को समर्पित. आज उसका अंतिम संस्कार है.."
दो रास्ते हैं, ‘करना’ और ‘देखना’ जाओ कहीं, मगर, खयाले ‘जान’ रखना बड़ी कसरते हुई है, पाने में ‘जिंदगी’ खो जाए कहीं ना, सम्भाले ‘शान’ रखना काली स्याही से, …
प्यार करना गलत नहीं है प्यार ना करना गलत है, पुछों किससे ! ..किससे ? खुदसे ! और उसकी एक याद, मेरा पूरा दिन खूशबुदार हो जाता है, पुछो …
छाते बारीश से बचाते हैं, पर दिल के आसमां पे, जब बादल छाते हैं, तब कोई नहीं बचाते ! सिवाय “ध्यान” के, जो मै “हो” सकता हूँ. रचनाकार/कवि~ डॉ. …
किसीके सहारे नहीं, जिंदगी, बीन तुम्हारे नहीं बीच मझधार में; कूद जाते है जो, सँवारे हैं; बारे नहीं नज़र को नज़ारे नहीं, दीवारे मना करती हैं मुहब्बत में जो …
झूठ कहते है दुनियाँवाले कि वो जर्रे-जर्रे में है मै तो कहता हुँ कि, जर्रा-जर्रा खुद उस में है सुख-शांती कहा है किसी को पगार-पाणी में असली मजा तो …
खुद ही से तलब होने का अंदाज चूक जाता है है गीत मेरी आँखो में, पर साज़ चूक जाता है जाग जगाए रहता हुँ, और देखते रहता झाँसो को …
हमने तुमको चाहा है और चाहेंगे तुम जानती हो, पहचानती हो तुम भुल जाना लेकिन हम ना भुल पायेंगे इक लगाव सा लगाया है, हमने दिलसे इक प्यार सा …
बेकरार है, मेरी नजर, तेरे लिए पतंगा मेरा दिल जले बेशुमार है, दिल में मुहब्बत तेरे लिए पतंगा मेरा दिल जले मै सोचता हुँ तु पुरब की पहली किरण …