Category: राम शरण महर्जन
अपने आप क्या आफत है व्दिविधा हो तो १ बंद हो रास्ता होता कर या मर क्या कहूँ तुझे २ वहीँ का वहीँ कितना आते जाते वही है रास्ता …
नाता भी कैसा बददुवां भी कम तरस आता १ भेदी हो घर होती है शब्द ग़ुम रिश्तों का नीवं २ तूफानी हवा गुजरे तो अंदर देखता रहा ३ जीता …
लिखूँ तो क्या लिखूं वक्त के मारे चल्ता हूँ क्या है बड़ा धूल है क्या जिसने चुभा बड़ा है वह बिखरी ग़ुम होते जो धूल है आवाज गूंजे दिल …
ब्यस्त जीवन नहाते है कर्मों से ख़ुशी-खुसी से |१| सब देखते संभालते वक्तपे नहीं रूकते |२| मकसद है कैसे मुख फेरते भविष्य पर |३| ०४/२०/२०१५
दिन ढलते देखा इच्छाओें बढ़ते देखा खाली हातोंका पीड़ा देखा देखा तो नई क्यालेण्डर देखा उड़ते रंगोंमें कश्मकश जिंदगीमे बिखरती रिश्तोंमें फिर वही एलान देखा तो नई तारीख देखा …
क्या बात करूँ मैं आपसे ये जमाने के सब आगे निकले सिर्फ आप रुक गये | बातों बातों में उलझते हर एक आदमी क्या काम है अपना सब कुछ …
बर्षों बाद मिलें हम संजोग है यह धीमांसा याद हो गयी ताजा वह | सुनसान रास्तें याद दिलाते तुम्हें गुलजार लम्हें साथ रहे थे तुमसे | वक्त कम पड़ती …
अनदेखी पीड़ाओं मुस्कुराहट में बदलती रगत-पसीनें में देखो सबकी नजर लगती | चिल्लाते-भटकते वो पागल आदमी घरवाले भी उससे मुड़कर यूं चलती | कैसे हुवा,क्यूँ हुवा उसकी ये दशा …
हद कर दी ताने मारके अपनी बयां कर करके दूसरें जैसे भी ठानले अपनी इरादें पूरी हो जाये किसीके पास वक्त नहीं है आगे जो है पकड़ें चलते बनें …
जन्म ही गुनाह हो गया शिर दर्द का बड़ा बोझ माँ-बाप होने का गर्व पत्ता नहीं कौन चिड़िया है परवरिश और आज का पुस्ता वेवस होते माँ-बाप आज जीवन …
काला चेहरा जिसका रग-रग में नफ़रतें हो नफ़रतें ही करते आपको भी वो | जिसका काम ही कुरेदना हो भला वो क्यों शान्ति दे तुम्हें | दिखावा करें भला …
वक्त कैसे बदलते है सम्पति के पीछे जो दौड़े रिश्ते-नाते कुछ नहीं होते | बनि बनाये रिश्ते-नाते कागजकी ही टुकड़े होते | जिसे सबको दिखा सके अपने खातिर बता …
लाल रंग के एक गुलाब किसीकी हाथमे थमाती खुसी- खुसी देते अपनी जुवां किसीकी जिगरसे निकाली अपने आपको भी भुलाती गुलाब मरती चली रही थी अंतिम पलकी पलकें झपकती …
ठंडीमें तुम्हारे श्वासें श्पर्स देना मुझको इलाजें नफ़रतें सही साथ देना मुझको | जी हल्का होने तक बदला लेना मुझसे दुश्मन बनी सही कुछ तो मिला मुझसे | उड़ाना, …
जीवन एक दीपक है जीवन जलती चले जाते है थमनेका कोई नाम नहीं है रोशन करती चले जाते है अंधेरोमें राहत मिलते है ठंडी में और सकून मिलते है …
शत्रुता क्या होती है नफ़रत करके तो देखो रिश्ता क्या होती है प्यार करके तो देखो गुनाह क्या होती है अपने नजर पे गिरके देखो ये सासें, ये एहसासे …
हर श्वास में जीवन हर धड़कन में कर्म हर श्पर्श में प्यार साथ होने का ये उमंग | धुप-शाया, दुःख-सुख जीवन के अजुवा रंग पहचान की तरंग अपनापनका यादें …
साथ का रंग ********* -राम शरण महर्जन प्यार निभाता जब तौल-तौल के प्यार बिखरा साथ-साथ तब से | रिश्ता खून के हो या मन के करीव नफरत भी छोटा …
रिश्तोंकी नीव माँ-बाप का प्यार बंटता अपनी औलादोंमे भाई-भाई के प्यार छूटता जायदाद के पास दीदी-बहन का प्यार साथ देते जीवनभर रिश्ते निभातें पराया घर भरोसें टूटता अपनें आप …
अपनी सलामती समयसे आगे होने के चककरमें छूटे तो छूटे ये रिश्तें नातें सब चाहिए तो बस अपनी सलामती मुद्दा ठोक दे या झगड़ा मोल लें ज़िंदा होने का …
आज का मूल्य जीवन लुटाते माँ-बाप संतान के लिये जीवन लूटते संतान आज धक्के मारते पितृ ऋण चुकाते माँ-बाप परवारिशमें हिसाब मांगते संतान गर्व करते आपमें |
अपना-पराया किसे पत्ता नजरें लगे मुसीबतों को तुझे पत्ता अपनें होते खून की प्यासे | जलते सदा वो तरक्की करें तो तू फेंकते जाल वो सड़ती रहें सदा तू …
स्वागत है नयें वर्ष ******************* समझो हर साल सालों में समा गए बचपन कब मारा अपने हाथों अपना तू यौवनका मस्ती कब भुला बढ़े उम्र में तू नयें रंग …
निशानी तो है ********** जो भी नाम लो ब्रम्ह एक ही तो है जहाँ भी जाओ ठिकाना एक ही है जीने का ढंग भले भिन्न क्यूं ना हो ज्यान …
सेदोका (कौन देखता) ***************** काम है बडें कौन देखे रात में कांपी जिश्म ठंडी सें सूरज आ तू काम न कष्ट देते सब ने जब देखे |१| घना कोहरा …