।।गजल।।मौत का मार निकला।। रकमिश सुल्तानपुरी 26/02/2015 राम केश मिश्र, राम गोपाल भारतीय, राम दुलारे सिंह सुजान 1 Comment ।।गजल।।मौत का मारा।। हर वह शक्श जो भी बेशहारा निकला ।। ।। कोई गम में डूबा कोई वक्त का मारा निकला ।। 1।। वजह कुछ भी रही हो पर … [Continue Reading...]