कहानी कहना चाहता हूँ rajendra gaur 16/07/2014 राजेन्द्र गौड़ No Comments कहानी कहना चाहता हूँ । बिखरे हुए कांच की दबी हुई आवाज की कहानी… ढलती काली रात मेँ उस जिगर फाड़ती चीख की मख्खी को उड़ाते उन डगमगाते हाथोँ … [Continue Reading...]
मेरा दिल भी शौक से rajendra gaur 20/02/2013 राजेन्द्र गौड़ No Comments मेरा दिल भी शौक से तोड़ो एक तजुरबा और सही, लाख खिलौने तोड़ चुके हो एक खिलौना और सही, रात है गम की आज बुझा दो जलता हुआ हर … [Continue Reading...]