Category: राज कुमार गुप्ता
हमको कुछ नही कहना जुबाँ बंद है हमारा मँझधार में है नइया , है भगवान का सहारा । गोरों से आजाद हो गये पर न गयी गुलामी हमने खुद …
हमारे बाजुओं का दम आजमाने आये हो तुम ताकतवर हो , हमें बतलाने आये हो । चुपचाप गुजर जाने दो इन बादलों को छत के उपर से चंद काले …
दिल मे तुम बस गई स्वाँस मे रच गई पर नजर के लिये तुम पराई रही । गीत तुम बन गई तुमको गाता रहा बाँसुरी तुम बनी मैं बजाता …
शाम की शीतल हवा मन को मेरे भाती तो है । कोयल कू – कू ही करे कहने को वो गाती तो है ।। मोह माया के भंवर से …
तुम तो अदावत को हवा देते रहे बरसों तलक मेरे दिल तो तुम्हारे वास्ते बस प्यार था । तुम ही रफ्ता रफ्ता दूर मुझसे हो गये मुझको भला कब …
लेकर नेता साथ बीस पच्चीस मंत्री जी पहुँचे जनता के बीच । हाथ जोड़कर बोले भाई वोट मुझी को देना मैं आप सबका सेवक हूँ मुझको भुला न देना …
ज्यादा लाड बच्चों की आदत बिगाड़ देती है । दुषित हवा लोगों की सेहत बिगाड देती है ।। जो जीवन में भटक जाते हैं इतने बुरे भी नही होते …
है विकलता आज उर में और दृग में स्वच्छ पानी । याद मुझको आ रही अपने मिलन की वह कहानी ।। जिंदगी की राह में मुझको अकेली तुम मिली …
हजारों कोशिशें कर ली उसे भुलाने की पर मन उससे मिलने को तरसता भी है । कहने वाले इसे दिल का रोग कहते है मगर इश्क में जीने से …
मानवता को ताक पे रख दो बहती गंगा में मुँह धोलो । पीछे से तुम भोंक दो छुरा लेकिन मुँह पर मीठा बोलो । ऐसी अपनी नियति दिखाओ जिसमे …
माता कहकर तुमको देखो लूट रहे तन बदन तुम्हारे कैसे तेरे दूध की देखो इन लोगों ने कर्ज उतारे । इनका तो उत्थान हो रहा , देश गर्त में …
कल शहर में कुछ शरीफों ने नफरत का बीज बोया इंसानियत और भाईचारे को लहूलुहान कर दिया । आपस मे गले मिलने वाले अब गला काट रहे हैं अच्छे …
मुस्कुराना तेरा आँसुओं को छुपाकर चले जाते हैं जब तब मुझको रूलाकर । इतना प्यार करते हैं आँसू भी तुमसे तभी तो छलकते हैं इठला इठला कर ।। हर …
हे युवक सुनो मेरा विचार यह जग अशांति से बेसुमार । चहुँदिश दिखते लहलहे वृक्ष पर हरियाली नही लेशमात्र । वैसे तो सभी निकटवर्ती किंतु कौन विश्वासपात्र ।। आये …
दो प्रिये तुम दर्द ऐसा , जो हृदय को रास आऐ । है अधर सुकुमार इनको मुसकुरा कर खोल दो । श्रुति को परम आनंद आये दो बोल ऐसे …