Category: राहुल सिंह
वन्दे अनाड़ी, इक बार गा ले I राम नाम गा के मुक्ति तू पा ले II ये तन तो है माटी फिर क्या भरम है, तुझे इसको खोने का …
मेरा जन्मदिन है, मगर तुम नहीं हो I ख़ुशी का शमा है, मगर तुम नहीं हो II वही सूर्य है, वही चन्द्रमा है वही है ज़मी, वही आसमां है …
सनम तुम बिन नहीं जीना, तेरी यादों में मर जाना l सजा चाहो जो तुम दे दो, मगर दिल से ना ठुकराना ll ये माना हूँ नहीं मैं आपके …
माँ इक शब्द है या ज़िन्दगी की वो ज़रुरत, जिसके बिना अंधूरे तुम अंधूरे हम, भटकते फिर रहे होते कहीं, किसी अनजान सी काली सड़क पे उजालों के लिए …
ज़िंदगी तुझसे ख़फा मै तो नहीं था, फिर तुम क्यूँ मुझसे ही रूठे जा रही हो . तुम ही इक जीने का मेरे थीं सहारा, तुम ही अब दामन …