Category: राहत इन्दौरी
ये ज़िन्दगी सवाल थी जवाब माँगने लगे
ये ज़िन्दगी सवाल थी जवाब माँगने लगे फरिश्ते आ के ख़्वाब मेँ हिसाब माँगने लगे इधर किया करम किसी पे और इधर जता दिया नमाज़ पढ़के आए और शराब …
तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा करके
तेरी हर बात मोहब्बत में गवारा करके दिल के बाज़ार में बैठे हैँ ख़सारा करके एक चिन्गारी नज़र आई थी बस्ती मेँ उसे वो अलग हट गया आँधी को इशारा …
आँधी से कोई कह दे औकात में रहे !!
सूरज चाँद सितारे मेरे साथ में रहे , जब तक तेरे हाथ मेरे हाथ में रहे , शाखों से टूट जाएँ वो पत्ते नहीं है हम , आँधी से …