Category: प्रदीप
सुख दुःख दोनों रहते जिसमे जीवन है वो गाँव कभी धुप कभी छाँव कभी धुप तो कभी छाँव कभी धुप कभी छाँव कभी धुप तो कभी छाँव भले भी …
टूट गयी है माला टूट गयी है माला मोती बिखर चले दो दिन रह कर साथ जाने किधर चले , टूट गयी है माला मिलन की दुनीया छोड़ चले …
आज के इस इंसान को ये क्या हो गया इसका पुराना प्यार कहाँ पर खो गया कैसी यह मनहूस घडी है, भाईओं में जंग छिड़ी है कहीं पे खून कहीं …
मुखड़ा देख ले देख ले मुखड़ा देख ले प्राणी ज़रा दर्पण में हो देख ले कितना पुन्य है कितना पाप तेरे जीवन में देख ले दर्पण में मुखड़ा देख …
कोई लाख करे चतुराई कर्म का लेख मिटे ना रे भाई कर्म का लेख मिटे ना रे भाई ज़रा समझो इसकी सचाई रे करम का लेख मिटे ना रे …
पिंजरे के पंछी रे , तेरा दादर ना जाने कोए पिंजरे के पंछी रे , तेरा दादर ना जाने कोए बहार से तो खामोश रे है तू बहार से …
दूसरों का दुखड़ा दुर करनेवाले तेरे दुःख दुर करेंगे राम दूसरों का दुखड़ा दुर करनेवाले तेरे दुःख दुर करेंगे राम किये जा तू जग में भलाई का काम तेरे …
आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झाँकी हिंदुस्तान की, इस मिट्टी से तिलक करो ये धरती है बलिदान की वंदे मातरम … वंदे मातरम … उत्तर में रखवाली करता पर्वतराज विराट …
पासे सभी उलट गए दुश्मन की चाल के अक्षर सभी पलट गए भारत के भाल के मंज़िल पे आया मुल्क हर बला को टाल के सदियों के बाद फिर …
देख तेरे संसार की हालत क्या हो गई भग्वान कितना बदल गया इंसान , कितना बदल गया इंसान सूरज ना बदला , चाँद ना बदला , ना बदला रे …
आज हिमालय की चोटी से फ़िर हम ने ललकारा है दूर हटो ऐ दूर हटो ऐ दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिन्दुस्तान हमारा है दूर हटो ऐ दुनिया वालों हिन्दुस्तान …
दे दी हमें आज़ादी बिना खड्ग बिना ढाल साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल आंधी में भी जलती रही गांधी तेरी मशाल साबरमती के संत तूने कर दिया …
ऐ मेरे वतन् के लोगो! तुम खूब लगा लो नारा ! ये शुभदिन है हम सबका! लहरा लो तिरंगा प्यारा पर मत भूलो सीमा पर! वीरों ने है प्राण …