होली pradeep 10/05/2014 प्रदीप तिवारी 1 Comment चल होली खेलें यार चल ख्वाब रंगे इस बार हो फाग की मस्ती जिसमे झूमे सारी बस्ती रहे न कोई तन्हा चाहे हो बूढा या नन्हा मुन्हा जल से … [Continue Reading...]
मेरे मालिक pradeep 22/04/2014 प्रदीप तिवारी No Comments तू मुझमे इस कदर समाया ये बहुत देर से समझ आया जब जब सर झुकाया तो खुद को तेरे करीब पाया माना नहीं था तुझे कभी पहले तूने खुद … [Continue Reading...]