Category: पूनमचन्द जाट ‘पुन्नू’
छूट गया वो दामन, वो अब एक फटा हुआ कफन है। मेरी बसी हुई बस्ती उजड़ गयी, शेश बचा एक उजड़ा चमन है।। आशाओं के दीप गुल हुये अब, …
मेरे हसरत भरे ख्वाबों से, हर रात कोई तो दिल से गुजरती है। दिल में एक टीस सी उठती है, जब तन्हाई दिल से गुजरती है।। सोचता हूँ मैं …
हसरतों को सीने में, दबा कर जीते रहे हैं। अपने ही जख्म हम खुद से, छुपाकर जीते रहे हैं।। कि जमाना मेरी आह ना सुन ले, चुपचाप हम जख्म …
लो उठो अब तुम भी, के भोर हो रहा है, सीमा पे दुश्मन का शोर हो रहा है, तुम भी उठा लो अपने हथियार साथियों। आज दुश्मन के आगे …
कब तक खामोश रहेंगे, कब तक दिल पे चोट सहेंगे। हिन्दुस्तानी शेर कायर हैं, कल संसार के सारे लोग कहेंगे।। हिन्द के शेर संसद के खुंटों से बंधे हैं, …
मौसम-ऐ-बरसात में तो, हम याद आते ही होंगे। बहार-ऐ-फिजाओं के मौसम में, नजारे-ऐ-कुदरत के भाते ही होंगे।। दिल-ऐ-जिगर में तुफान तो, जरूर ही उठा होगा मेरी यादों का। दिल-ऐ-तड़प …
दो मासुम से अधखिले फूल। अपने कल से बिल्कुल से अज्ञान, किये बैठे है सात जन्म साथ निभाने के संज्ञान, सब जान निहार जाते हैं उन्हें चमन में, सबसे …
क्या एक क्षण को भी ना कांपे तेरे कर। तु मनुज है या नर पिशाचर, या है पिशाचों का ही निशाचर, तु क्यूं यूं कत्ल-ऐ-आम मचा रहा है, क्या …
आसमान को हर्ष विभोर कर देती है, इन्दु तेरी शीतलता, मेरे अन्र्तमन को मुग्ध सी कर देती है, इन्दु तेरी निश्छलता, इस बेजार रात में भी करता है, इन्दु …
ये क्या हो रहा है? ये क्या हो रहा है? मेरे इस सोने की चिडि़या के देश में। क्यूं हो रही है सैंध इन ऋशियों के वेश में, क्या …
अतीत के झरोखे से, अविस्मृत सी स्मृतियाँ, मेरे शांत अंतस को, स्पर्श कर जाती हैं | तन सिहर उठता है, ज्यों शीतल समीर पान हुआ हो, मधुर स्मृतियाँ ह्रदय …