Category: पवन कुमार
“हर पल मुझे जीना सिखाती है माँ थक जाता हूँ मैं तो मुझे सुलाती है माँ सूरज सी गर्मी चंदा की ठंडक मुझे देती है माँ जब जब मैं …
अल्हड़ सा अटखेलता सा मुस्कुराता सा बचपन मेरा जाने कहा खो गया वो बीता हुआ कल मेरा न काम का बोझ था न जिंदगी की परवाह थी न मरने …
बाप पर कभी बोझ होती नहीं हैं बेटियाँ मुश्किलो में गर बाप हो तो सोती नहीं हैं बेटियाँ किस्मत बनती है बाप की बेटियों की तक्दीरों से बेटा घर …
टूटे हुए सपनो का दर्द अब और सहा जाता नहीं बहते हैं आँखों से आँसु कि कुछ और कहा जाता नहीं कोई समझे न समझे जज्बातों को मेरे गम …