Category: ओमेन्द्र शुक्ला
दुर्गेश मिश्रा
13/05/2017
अज्ञात कवि, ओमेन्द्र शुक्ला, धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ, नवल पाल प्रभाकर, मदन मोहन सक्सेना, मनिंदर सिंह मनी, राम केश मिश्र, शर्मन, शिशिर कुमार गोयल, सजन कुमार मुरारका, हरदीप कौर सन्धु, हरदीप बिरदी, हरप्रसाद पुष्पक, हरमीत शर्मा कवि, हरि पौडेल, हरि शंकर सैनी, हरिओम कुमार, हरिवंशराय बच्चन, हरिहर झा, हरेन्द्र पंडित, हर्ष कुमार सेठ, हसरत जयपुरी, हितेन पाटीदार, हितेश कुमार शर्मा, हिमांशु 'मोहन', हिमांशु श्रीवास्तव, हेमन्त 'मोहन', हेमन्त कुमार, हेमन्त खेतान, हेमन्त शेष
– एक सफ़र देखे मैंने इस सफर में दुनिया के अद्भुत नज़ारे, दूर बैठी शोर गुल से यमुना को माटी में मिलते | की देखा मैंने इस सफर में….. …
वक़्त है आज गुजर जाएगातेरा साथ है एक दिन छूट जाएगाबदलेगा जमाना तू भी बदल जाएगावक़्त है आज गुजर जाएगातू आज साथ हैमै बड़ा जो हूँकल मै छोटा होंगातू …
भीड़ है भीड़ मे खो जाने दोकुछ अपना सा हो जाने दोतनहा हूँ मैं , तनहा हो जाने दोएक बस मकसद है , पूरा हो जाने दोभीड़ मे मुझे …
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23/10/2016
अज्ञात कवि, अज्ञेय, अटल बिहारी वाजपेयी, अभिषेक उपाध्याय, ऋतुराज, ओमेन्द्र शुक्ला, धर्मेन्द्र कुमार निवातियाँ, नवल पाल प्रभाकर, राम केश मिश्र, शर्मन, शिशिर कुमार गोयल, सजन कुमार मुरारका
“आरक्षण की आग मे जल रहा हैं हिन्दुस्तान”,शिक्षा नौकरी पाने को बिक रहे हैं कई मकान,ठोकरे मिलती हैं यहा मिलता नही हैं ग्यान…. “आरक्षण की आग मे जल रहा …
“ना खोया है वजूद हमने अभी तो इम्तिहान बाकि है जीते है चंग दिलों को तो क्या अभी तो सारा जहाँ बाकि है ||”
“छाती पीट जो चिल्लाते है आरक्षण की मांग सुनाते है दम नहीं काबिलियत में जिनके वो शुद्र गंवार कहलाते है , रखते भरोसा जो खुद के हुनर पे वो …
“हम वीर हिन्द के वासी है हमसे ना टकराना तुम हो जाओगे खण्ड-खण्ड प्रतिखण्ड हमसे ना टकराना तुम, क्या भूल गए उस सागर को एक घूंट में पी डाला …
“पैसठ साल बर्बादी भारत की सुध ना आई , गरीब लोग अर्धनग्न शरीर जलता पेट , मिटे गरीब ना गरीबी है मिटी सत्ता लोलुप , हुआ है दुःख सत्ता …
“गणतंत्र बन गया गँवारतंत्र अब कुछ लोगो के कुंठित विचारों से सच्चाई कर रही मुजरा कोठे पे अंधे कानून के उन राहों पे , हो गया बहुत ही बड़ा …
“कुछ दर्द पुनः जो आँखों में आंसू बनके आ जाते है जो अल्फाज बयां न हो लब्जो में उनको सहज ही बतलाते है , शिशक-शिशक उन बातों का रोना …
“पालनहार होता विमुख आज अधिकारों से , लुटते इन्हे प्रकृति और नेता बिखरे आंसू , पेट की आग खत्म होती उम्मीदे जलता पेट , प्रगति चर्चा ना सुहाए आखों …
“एक दुविधा सी मन में उठती है दिल असमंजस से भर जाता है ज्ञान की डोली में जब कोई विद्या की अर्थी छोड़ जाता है , करके शिक्षा का …
“भाग उठा होके परेशान जीवन के झंझावातों से दर्द बहुत है इस जीवन में हर पल चुभते है काँटों से , छोटी बातें,अधूरी यादें सब छूट यहाँ पे जाते …
“व्यथित मन विरह में फिर से हुआ है आज, सन्नाटा छाया चहु और पुनः है आवारा दिल , प्यार की बातें छलावा सा अतीत बीते सपने , तनहा वक्त …
“क्या मै कल लुप्त कहीं हो जाउंगी या दफ़न किताबों में हो जाउंगी देख शान अंग्रेजी का हिंदी फिर आज शरमायी है , परिचालन देख तेजी से युवाओं में …
“खुनी नदिया बहाते आजकल पापी इंसान | ना दया कोई ना करते रहम पापी इंसान | काटते सिर अपने ही लोगो का आतंकी लोग | नरसंहार मानवता के शत्रु …
“आज फिर से ये वक्त कुछ बेरहम सा लगता है क्यूँ बसंत का मौसम ये पतझड़ सा मुझको लगता है , क्यूँ महफ़िलों में छाया है तन्हापन क्यूँ संगीत …
सम्बोधन में शहीदों ने अपने कुछ इतर शब्द मांगे है आज ना कहना मुझको देशभक्त कुछ ऐसा सन्देश सुनाया है आज , जब गद्दार देशभक्त हो जाते है और …
“रचा है आज कुछ माया का जाल ये गद्दारो ने | किया भ्रमित पुनः देशभक्ति को लगाके बैर | खोंपा खंजर सीने में भारत के हसते लोग | आतंकी …
“होंगे पैदा जितने गद्दार हर एक को चुन चुन मारेंगे काटेंगे हर गर्दन उसकी जो भारत को दुत्कारेंगे , हर घर में मातम छाएगा जिस घर से अफजल आएगा …
“छोड़ चल दिए जंगल बाघों ने बाजों ने भी प्रवास की ठानी है बेवफा हुयी फिजायें है अब तो करने को बगावत हमसे ठानी है , देख तमाशा देशद्रोह …
“चलो सखी रे पाकिस्तान खूबसूरत है उसका संसार ना गंध वहाँ पे देशद्रोह की है सुन्दर बहुत उसके विचार , प्रशंसा करने पे भारतीय खिलाडियों की वहाँ देशद्रोही उसे …
“क्यूँ पाकिस्तान से लड़ते हो क्यूँ आतंकी उसे कहते हो पालते है गद्दारों को स्वयं तुम और बदनाम पाकिस्तान को करते हो , आतंक का अड्डा है पाकिस्तान जो …
“शर्मिंदा हुआ हो कलंकित आज गुरु सा शब्द | बने आतंकी गुरु जिस देश में ऐसा भारत | करते पूजा अफजल का लोग है आतंकी वो | कहते गुरु …
“माँ नहीं पढ़ना है मुझको अब ना विद्यालय मै जाऊंगा अनपढ़ रहना है अच्छा ना गाली तुझे मै दिलाऊंगा, पढ़-लिखके लोग जहाँ पे अपने ही देश को गाली देते …