Category: नितिश कुमार यादव
बरसो बरस पुराने रिश्तो के पावन से वो बंधन बिछड गई वो गाँव कि गलियाँ मधुर हवायें वो उपवन सब कुछ तो हम भूल गयें हैं बस इतना सा …
कभी मायूस मत होना कभी मजबूर मत होना के मुश्किल दौर में मुझसे कभी तुम दूर मत होना हसीनो की कमी हरगीज नही हैं आज भी हम को कि …
किसी के आँख का मोती ज़मीं पर गिर रहा होगा, तुझे मैं याद करता हूँ हवाओं ने कहा होगा, लिखे जो गीत तुम पर, सुन, ज़माना झूम उठता है …
देख कर सुनसान डगर अय पथिक मत रुक जाना है मंजिल यही कहीं पर यह सोच कर चलते जाना माना पथ में आएँगी बाधाये लाख पर मत घबराना , …
बरसते आसमा को भी कभी जलते हुए देखा हरे हर पौध को भी धूप में पलते हुए देखा यहाँ जो शख़्स अक्सर खुद को पत्थर दिल समझते हैं उसी …