Category: नितेश गुज्जर
वो हम से ख़फा-ख़फा है बोली तुम कुछ लिखते नही क्यों आप खुश लगते नहीं तरस गये हम देखने को तुमको महफिल में क्यो आप उन महफिलों में दिखते …
आज मुझे कागज़ कलम की जरुरत नहीं क्योंकि तेरा नाम मैने दिल पर उकेर लिया और आज फिर से मैने टूटे हुए दिल के टुकड़ों को रिपेयर कर लिया …
मेरे सपनों में आया एक सपना वो मुझे लगा अपनों से भी ज्यादा अपना मिला था मै तुझ से तेरे ही दिल में अब तो खो गया हूँ मै …
सोचते-सोचते सोच रहा हूँ । क्या हाल होगा आपका ? तन्हाई में तड़फ रहा होगा दिल आपका। रुकी हुई है मेरी साँसे रुका हुआ है दिल मेरा । इतनी …