Category: नवल
मरने के बाद मेरी लाश को जलाना ना दफ़नाना ना बल्कि काल-चक्र के किसी पेड़ पर उल्टा टाँग देना किसी कंकाल की तरह ताकि मैं मरने के बाद तो …
कई बार मैंने अपने दिल से कहा फ़रेब और उम्मीद उम्मीद और इन्तज़ार इन्तज़ार और हवस हवस और दर्द एक दूसरे को आरे की तरह काटते हैं उनसे किसी …
हर रात घर लौटते हुए सोचता हूँ दिन भर की थकान मिटाने के लिए मेरे ऊपर एक छत है छत के नीचे एक बिस्तर बिस्तर पर एक तकिया और …
कड़ी धूप में बादल के एक टुकड़े के नीचे मैं उससे पहली बार मिला था सड़क पर धूप चमक रही थी धूप में उसके पाँव मानो समन्दर की लहरों …
मैं मान लेता हूँ कि मेरे पास कहने के लिए नया कुछ नहीं जो था भी, वह फूलों की पंखुड़ियों में जा छिपा है अगर पंछी अपने परों की …
सरो के दरख़्त जैसी रौशनी मेरे सामने है और पलकों ने झपकना बंद कर दिया है हवा के तेज़ झोंको ने दरया में लहर पैदा कर दी है और …
तुमने मेरे पथरीले घर में क़दम रखा और वहाँ एक मीठे पानी का चश्मा फूट पड़ा पूरा गाँव उस चश्मे का पानी ले जाता है उसमें नहाता है, पीता …