Category: नवीन श्रोत्रिय ‘उत्कर्ष’
बाद जिंदगी यूँही ढल जायेगी…..बिना हरि नाम के जीने वालो,जाम मद मोह, का पीने वालों,जाप हरि नाम का करके देखो,जाम हरि नाम का पीकर देखो,गति सुधरेगी,ओ भोले पंछी,उम्र बाकी …
गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर गुरुजी के श्री चरणों मे समर्पित चंद दोहे….=======================साढ़ मास की पूर्णिमा,गुरु पूनम कहलाय ।गुरू ज्ञान की जोत से,तम को दूर भगाय ।।”गु”और “रू” के …
सुबह शाम मैं उसे रिझाऊँनैन पलक पर जिसे बिठाऊँबिन उसके दिल है बेहालक्यों सखि साजन?ना गोपाल घड़ी – घड़ी मैं राह निहारूँसुबह शाम नित उसे पुकारूँदरस …
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मिट्टी वाले दीये जलानाजो चाहो दीवाली होउजला-उजला पर्व मनेकही रात न काली होमिटटी वाले……………..जब से चला चायना वाला,कुछ की किस्मत फूट गयीविपदा आई एक अनोखीरीत हिन्द की टूट …
【व्यथित मन से उत्पन्न एक दर्द भरा नगमा】 मेरी जिंदगी मझदार में है, अब कैसे पार उतारू…. सोचता पल पल यही में, कैसे खुद को निकालूँ…. वक़्त भी कम …