Category: नासिर अहमद सिकंदर
वह बहुत पुराने– यादगार गीत पर नृत्य कर रही गीत के बोल- शब्द वही पुराने अर्थ वही नहीं गायन से गायब गायिकी-अंदाज संगीत से राग सुरताल-थाप झंकार नृत्य से …
नीली साड़ी में है आज रत्ना मैडम नीली साड़ी को यदि कोई नीला आकाश कह दे तो उस आकाश का चांद है रत्ना मैडम उसकी अन्य पोशाकों में एक …
मेरे सामने की बर्थ पर था उनका परिवार माँ और दो बच्चियाँ बड़ी बच्ची का चेहरा हुबहू माँ की तरह गोल चांद सरीखा छोटी का बड़ी बहन से मिलता-जुलता …
कुछ चीज़ें छूटतीं हमसे भूलवश कुछ छोड़ते जान-बूझकर छाता, स्वेटर, रूमाल, चश्मा, किताब चाबियाँ, कंघी, पैन और भी कई चीज़ें छूटतीं भूलवश माचिस की खाली डिब्बी पैकेट सिगरेट खाली …
उसका चेहरा गोल आँखें सीपियाँ नावनुमा भौंहें होंठ लिपस्टिक बिन लाल नाक दूर से देखी पहाड़ी का उभरा कोना यह कविता में– नखशिख वर्णन नहीं उसके गाल जिसमें तिल …
काले रंग से बैर न हो यदि जैसे चित्रकार नहीं करता बैर तो जी भर देखें इसे ख़ुद देखेंगे आप अनगिनत संवेदनाओं का ज़खीरा है यह आइए ! उस वक़्त …
ग़लतफ़हमी भी क अजीब शब्द इस मायने में कि बचपन में पाठ की तरह न भी पढ़ा जाए इसे ति भी जवान होते-होते यह शब्द आ जाता मस्तिष्क में …
कविता की क़िताब या कहानी, उपन्यास स्कूल-पाठ्यक्रम या धार्मिक क़ीमती अथवा सस्ती कवर ज़रूर चढ़े पुराना अख़बार कलेण्डर पुराना बाज़ार में उपलब्ध या काग़ज़ ख़ाकी यह कवर ही जो …
अभी वह यानि कि परवीन बानो फाइलों के बीच घिरी है फाइलों में जमी हैं अभी उसकी आँखें यह संयोग ही है– मैं उसे बचपन से जानता हूँ क्योंकि …