Category: नलिन विलोचन शर्मा
एक दिन यहां मैंने एक कविता लिखी थी, यहां जहां रहना मुझे नापसंद था। और रहने भेज दिया था। जगह वह भी, जहां रहना अच्छा लगता है और रहता …
जटिलतम चित्र-कला सीख ली जा सकती है, सिर्फ़ अभ्यास ज़रूरी है। तुम्हारी बेढंगी रेखाओं को सीखना क्या! वे सीखी नहीं जातीं। (दुर्वह ऊब में बर्बाद किया मेरा हर काग़ज़ …
सरोद पर तुमने था बजाया, मैं समझा नहीं। मैंने देखा, पीतल और लोहे से तुमने मधु निचोड़ा : सारा कड़वापन दूर हो गया, मधु विदुंत होकर बँट गया।
कलिका में संदेहित पुष्प ढूंढा। नहीं पाने पर उसका प्राण-रस पी लिया। –(अलि) xxx मैंने कल्पित सुगंध सूंघ कर उसे बटन-छिद्रित किया। अब परिमृदित पड़ी है। –(विलासी) xxx …
सिद्धों के भी कैंसर होता है उनके दिलों की भी धड़कनें बन्द होती हैं। हम बगुला बगल झाँकते। वे हंस हो जाते हैं।
अधुना हमारे पास विशाल योजनाएँ हैं– शीतापंत्रित प्रशालाएँ हैं, जहाँ आविष्कारों के बदले दर्शन और शायरी है, भारतीय संस्कृति और बुशर्ट है, अनन्त उपसमितियाँ हैं, और पैसों को पानी …
सत्तावन की हवा-गाड़ी लक्ष्य तक पहुँच कर रह गई। दो-चार वर्षों में दो मुँह होंगे या दो पूँछ, एक मुँह और एक पूँछ नहीं होगी, जैसा आज भी कुछ-कुछ …