Category: मुकेश गुजेला
हिंदोस्तान कि ख़ातिर , मर जाऊंगा मिट जाऊंगा , ये है मेरा देश इसे , बनाऊंगा बढ़ाऊंगा | हिंदोस्तान कि ख़ातिर ………….. पहले पृथ्वी , चन्द्रगुप्त , अक़बर ने …
उनकी हर बात , रातों में , याद आती है , नींद भी हमसे , आँखों को , चुराती है | चाँद से बढ़के , वो नूँरानी , तेरा …
आँगन में आई इक दिन, दाना जो खाई दो दिन, सँग में गुज़ारी कुछ दिन, अब परदेस को चली , चिड़िया हमारी अब परदेस को चली, बिटिया हमारी अब …
मुख से वो यूं ना कहके, क्यूं ज़ुल्म ढहाते हैं, इक बार तो वो कहदें , जो हम चाहते हैं। क्या जाने वो के दूर से,ही दे देते हैं …
जितना भुलाओगे मैं,और याद आऊँगा , उम्रभर इस तरह से,तुम को सताऊँगा । जितना भुलाओगे…….. तुमने सदा ही ज़ानम,प्यार को इक खेल समझा, हमने इसे कसम से , दो …