Category: महर्षि त्रिपाठी
हर जगह हर घडी बस तू साथ है जहाँ मेरी नज़रे पडी बस तू साथ है छोड़ा वक़्त ने जहाँ मुझ बदनसीब को वहां पे मिली खड़ी बस तू …
क्या कहूँ सच का हाल इस दौर में मित्रों मैंने अपनों से सच कहने की सजा पायी है अब तो हद है जुल्मों सितम गरीबों पर आम को इमली …
एक सफ़र था मेरा , जिसमें वो साथ थी मैं अकेला था पर , वो बाप के साथ थी एक नवेली किरन ,खुद में थी वो मगन उसे देखकर …
यह तीव्र वेग से चलता है न किसी के रोके रुकता है गर साथ चले इसके हम तो ये मंजिल तक पहुचायेगा व्यर्थ गवायाँ इसको तो पथ बार-बार भटकायेगा …
अब तक हम थे जिससे बेखबर जिसका हम पे न था कोई असर वो अवसर हमें पहली बार आया है आज दिल में मेरे प्यार आया है | उनकी …
जिसने दिया हमें आदर्श शिष्य की पहचान गुरु को दे अंगूठा जब एकलव्य बने महान हो लगन कुछ सीखने की इनसे सीखे हम जग को हिला सकते नहीं किसी …