Category: मदन मोहन सक्सेना
#उठा_न_पाते_पत्थर_तुम —————————- काश न होता हाथ तुम्हारे । उठा न पाते पत्थर तुम ।। काश न होता इतनी नफरत , उठा न पाते पत्थर तुम। नफ़रत की आग में …
एक कदम घर की ओर ———————- कदम बढ़ा रहा था , जाने क्यूं ओ घर की ओर । था पता उसे, नहीं है कुछ खाने को वहां, फिर भी …
जिसने देश का मान बढ़ाया ———————————– जिसने देश का मान बढ़ायाजीता मेडल नाम कमाया । सुन ली गर्जन वीर शेरनी की ।क्रोधित शेरनी ने …
कोरोना का कहर —————– कैसा है ये महामारी का डर ।कैसा हैं ये कोरोना का डर ।। थम सी गई है जिंदगी सबकी ।रुक सी गई है जिंदगी सबकी …
लगी जो आग इस ज़माने में वो बुझे कैसे, उठी दीवार ये जो दरमिया गिरे कैसे। दरारे पड़ रही बचपन की मुस्कुराहटों के बीच,बढ़ रहीं दूरियां दिल की, ये …
प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हमदर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल सेदर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के नाम परदोस्तों के बीच …
कंक्रीटों के जंगल में नहीं लगता है मन अपनाजमीं भी हो गगन भी हो ऐसा घर बनातें हैंना ही रोशनी आये ,ना खुशबु ही बिखर पायेहालत देखकर घर की …
कुर्सी और वोट की खातिर काट काट के सूबे बनतेनेताओं के जाने कैसे कैसे , अब ब्यबहार हुएदिल्ली में कोई भूखा बैठा, कोई अनशन पर बैठ गयाभूख किसे कहतें …
दिल के पास है लेकिन निगाहों से जो ओझल हैख्बाबों में अक्सर वह हमारे पास आती हैअपनों संग समय गुजरे इससे बेहतर क्या होगाकोई तन्हा रहना नहीं चाहें मजबूरी …
प्यार की हर बात से महरूम हो गए आज हमदर्द की खुशबु भी देखो आ रही है फूल सेदर्द का तोहफा मिला हमको दोस्ती के नाम परदोस्तों के बीच …
दुनिया में जिधर देखो हजारो रास्ते दीखतेमंजिल जिनसे मिल जाए बह रास्ते नहीं मिलतेकिस को गैर कहदे हम और किसको मान ले अपनामिलते हाथ सबसे हैं दिल से दिल …
पैसोँ की ललक देखो दिन कैसे दिखाती हैउधर माँ बाप तन्हा हैं इधर बेटा अकेला हैरुपये पैसोँ की कीमत को वह ही जान सकता हैबचपन में गरीवी का जिसने …
मिली दौलत ,मिली शोहरत,मिला है मान उसको क्यों मौका जानकर अपनी जो बात बदल जाता है किसी का दर्द पाने की तमन्ना जब कभी उपजे जीने का नजरिया फिर …
गज़ब हैं रंग जीबन के गजब किस्से लगा करतेजबानी जब कदम चूमे बचपन छूट जाता हैबंगला ,कार, ओहदे को पाने के ही चक्कर मेंसीधा सच्चा बच्चों का आचरण छूट …
जुदा हो करके के तुमसे अब ,तुम्हारी याद आती हैमेरे दिलबर तेरी सूरत ही मुझको रास आती हैकहूं कैसे मैं ये तुमसे बहुत मुश्किल गुजारा हैभरी दुनियां में बिन …
हर लम्हा तन्हाई का एहसास मुझको होता हैजबकि दोस्तों के बीच अपनी गुज़री जिंदगानी हैक्यों अपने जिस्म में केवल ,रंगत खून की दिखतीऔरों का लहू बहता , तो सबके …
तुम्हारी याद जब आती तो मिल जाती ख़ुशी हमकोतुमको पास पायेंगे तो मेरा हाल क्या होगातुमसे दूर रह करके तुम्हारी याद आती हैमेरे पास तुम होगें तो यादों का …
दीवारें ही दीवारें नहीं दीखते अब घर यारोंबड़े शहरों के हालात कैसे आज बदले है.उलझन आज दिल में है कैसी आज मुश्किल हैसमय बदला, जगह बदली क्यों रिश्तें आज …
मन से मन भी मिल जाये , तन से तन भी मिल जायेप्रियतम ने प्रिया से आज मन की बात खोली हैमौसम आज रंगों का छायी अब खुमारी हैचलों …
हुआ इलाज भी मुश्किल ,नहीं मिलती दबा असलीदुआओं का असर होता दुआ से काम लेता हूँमुझे फुर्सत नहीं यारों कि माथा टेकुं दर दर पेअगर कोई डगमगाता है उसे …
सजाए मौत का तोहफा हमने पा लिया जिनसेना जाने क्यों वो अब हमसे कफ़न उधार दिलाने की बात करते हैंहुए दुनिया से बेगाने हम जिनके इक इशारे परना जाने …
मुसीबत यार अच्छी है पता तो यार चलता है कैसे कौन कब कितना, रंग अपना बदलता है किसकी कुर्बानी को किसने याद रक्खा है दुनिया में जलता तेल और …
हिन्दू देखे ,मुस्लिम देखे इन्सां देख नहीं पायामंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में आते जाते उम्र गयीअपना अपना राग लिए सब अपने अपने घेरे मेंहर इन्सां की एक कहानी सबकी ऐसे …
हर सुबह रंगीन अपनी शाम हर मदहोश हैवक़्त की रंगीनियों का चल रहा है सिलसिलाचार पल की जिंदगी में मिल गयी सदियों की दौलतजब मिल गयी नजरें हमारी दिल …
वो हर बात को मेरी क्यों दबाने लगते हैंजब हक़ीकत हम उनको समझाने लगते हैंजिस गलती पर हमको वो समझाने लगते हैउस गलती को फिर क्यों दोहराने लगते हैंदर्द …