Category: कुशवाह विकास
इक ऐसा ऐलान करो , जीवन मे इन्सान बनो । कोई कह न सके किस धर्म के है , कोई कह न सके किस जात के है । इक …
क्या हुआ जो तु हार गया , पता लगा क्यु ये हाल हुआ । कर मेहनत बंदे तु , क्यु यू रुठ बेठ गया , जिन्दगी तो अभी बाकी …
अन्याय कि उम्र है छोटी , मिलता सबको न्याय । कभी करते थे जो नफरत ,आज करते है हमसे प्यार। कभी बरसाते थे जो कोङे , अब करते है …
याद आई फिर हमे वो आजादी कि रात दुर हुआ था वो गुलामी का अंधकार । लौट आया था आजादी का प्रकाश ,चौतरफा खुसयाली थी और उन्माद । रंग …