Category: कोमल प्रसाद साहू
सफ़र कटते-कटते कटता नहीं है मनचले नज़रो से शिखार करते है तेरा ख़ौंफ से दिल तेरा धड़कता भी नहीं है हंसता है वयंग्य भरी हँसी वो, लबज़ तेरे खुलते …
जो अंधेरों से उठे तो फिर उजाला बन गये क्या हुआ ‘गर जुगनु थे कल, अब सितारा बन गये जब उठा तूफ़ां तो हम सैलाब से बहने लगे डूबना …
हनुमान्-रावण संवाद रावण : हनुमान्जी को नागपाश में बंधा देखकर, हंसा ठाके लगा कर रावण, लंकापति ने कहा- रे वानर! तू कौन है? किसके बल पर तूने उजाड़े वन, …
ईश्वर का दिया कभी अल्प नहीं होता जो टूट जाये वो संकल्प नहीं होता हार को लक्ष्य से दूर ही रखना क्योंकि जीत का कोई विकल्प नहीं होता। जिंदगी …
मोमबत्तियों की प्रथा में अब क्यों घी दीपक की बात करें सन्नी लियोन को पूजने वाले क्यों माँ सरस्वती को याद करे महफ़िलो में गैरों की टूटी सैंडिल पर …
तोला राज मकुट पहिराबो ओ मोर छत्तीसगढ़ के भाषा तोला महरानी कहवाबो ओ मोर छत्तीसगढ़ के भाषा तोर आखर में अलख जगाथे भिलई आनी बानी देस बिदेस में तोला …
धन धन रे मोर किसान, धन धन रे मोर किसान। मैं तो तोला जांनेव तैं अस, भुंइया के भगवान।। तीन हाथ के पटकू पहिरे, मूड म बांधे फरिया ठंड …
कोई बंटी समझता है, कोई बबली समझता है। मगर कुर्सी की बैचेनी को, बस “कजरी” समझता है। – मैं कुर्सी से दूर कैसा हूँ, मुझसे कुर्सी दूर कैसी है …
मगर शर्म हमको आती नही है लूटती रहे “अबला” की “आबरू” सड़कों पर मगर करें क्या “मर्द” वाली हमारी “छाती” नहीं है………………… कम्बखत “खांसी” है कि जाती नहीं …
ज़माने भर में मिलते हे आशिक कई, मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता । नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई, मगर तिरंगे …
अंधियारा जिससे शरमाये, उजियारा जिसको ललचाये, ऎसा दे दो दर्द मुझे तुम मेरा गीत दिया बन जाये! इतने छलको अश्रु थके हर राहगीर के चरण धो सकूं, इतना निर्धन …
जब विदेशी Status Symbol हो और स्वदेशी cheap लगे तो देश आगे कैसे बढे . . जब नहाने के बाद Deo लगाना जरुरी और भगवान के सामने सर झुकना …
हे राम दुबारा मत आना, अब यहाँ लखन हनुमान नही,,,,, 90 करोड़ इन मुर्दों मे, अब बची किसी के जान नही,,,,, भाई भाई के चक्कर मे अब, अपनी बहनो …
नए साल में नई सुबह ले ओ मेरे दिनमान निकलना ! अगर राह में मिले बनारस खाकर मघई पान निकलना संगम पर आने से पहले मेलजोल की धारा पढ़ना …
किताबे-शौक़ में क्या-क्या निशानियाँ रख दीं कहीं पे फूल, कहीं हमने तितलियाँ रख दीं। कभी मिलेंगी जो तनहाइयाँ तो पढ़ लेंगे छुपाके हमने कुछ ऐसी कहानियाँ रख दीं। यही …
राधा की बस्ती मे शोर तो देखो भीङ कितनी है चारो और तो देखो . उस घर के बाहर एक बङा दायरा जमा है लगता है आज राधा के …
भारत को जो काट सके ऐसी कोई शमशीर नही…..! इतना खून बहेगा सरहद पर जितना गंगा में नीर नही….!! घर का झगड़ा बाजार में करो ये कोई तरीका नही….! …
तू चाहे मुझे,चाहे या न चाहे, ताउम्र तुझसे चाहत का वादा है, मेरा जीना आधा,मरना आधा है तुझसे मुझे मुहब्बत तो है ही, तुझपे यकीन खुद से ज्यादा है, …
एक बचपन का जमाना था, जिस में खुशियों का खजाना था.. चाहत चाँद को पाने की थी, पर दिल तितली का दिवाना था.. खबर ना थी कुछ सुबहा की, …
कल न हम होंगे न कोई गिला होगा ! सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिलसिला होगा !! जो लम्हे हैं चलो हँस कर बिता ले…! जाने कल जिंदगी का …
प्यार जब जिस्म की चीखों में दफ़न हो जाये ,ओढ़नी इस तरह उलझे कि कफ़न हो जाये , घर के एहसास जब बाजार की शर्तो में ढले , अजनबी …
मोला सुरता हे , वो रस्सी के खटिया .जम्मो झन, गोठियावन सारी रतिहा . उपर बादर डाहर चंदैनी बगरे राहय.नीचे चलत रहय हमार मन की बतिया . डोकरा बबा …
बमुश्किल फरिश्तों से मिलाता है ख़ुदा, फिर क्यूँ ऐसी गलतियाँ कराता है ख़ुदा ! जो अनजाने में बड़ी भूल बन जाती हैं, और हमे अपनों से कर देती हैं …
शिक्षक-दिवस मनाने आये हम सब लोग यहाँ पर हैं। एक गुरु की आवश्यकता पड़ती हमें निरन्तर है । हमनें जो भी सीखा अपने गुरुओं से ही सीखा है। ज्ञान …
बंद कमरों के लिए ताज़ा हवा लिखते हैं हम खि़ड़कियाँ हों हर तरफ़ ऐसी दुआ लिखते हैं हम आदमी को आदमी से दूर जिसने कर दिया ऐसी साज़िश के …